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राष्ट्रीय - चौरी चौरा मोदी दो लखनऊ

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम से युवाओं को जोड़े जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उन्हें इतिहास के अनकहे लोगों की जानकारी मिलेगी। भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय युवाओं को स्वतंत्रता सेनानियों एवं स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं पर किताबें व शोध पत्र लिखने के लिए कार्यक्रम चला रहा है। इससे चौरी चौरा की घटना के सेनानियों का व्यक्तित्व और कृतित्व सामने लाया जा सकता है। चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रमों को लोककला और संस्कृति से जोड़े जाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जी व उनकी टीम की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना काल में भारत ने दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाइयां उपलब्ध करायीं। भारत के 50 लाख नागरिकों को विभिन्न देशों से वापस लाया गया। विभिन्न देशों के नागरिकों को उनके देशों में वापस भेजा गया। भारत आज न केवल वैक्सीन बना रहा है, बल्कि तेजी से टीकाकरण कार्यक्रम संचालित कर रहा है। साथ ही, दुनिया को वैक्सीन भी उपलब्ध करा रहा है। इससे अवश्य ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को गर्व होगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो चुनौतियां आयीं, केन्द्रीय बजट उनके समाधान को तेजी देने वाला है। बजट में देशवासियों पर किसी प्रकार का कर का बोझ नहीं बढ़ाया गया, बल्कि अधिक से अधिक खर्च का फैसला लिया गया। यह खर्च चौड़ी सड़कों के निर्माण, गांवों को बाजार व मण्डियों से जोड़ने, पुल, नयी रेल पटरियों के निर्माण, पढ़ाई की बेहतर व्यवस्था, युवाओं को अच्छे अवसर उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। निर्माण कार्याें पर खर्च से युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में देश ने महामारी से जो लड़ाई लड़ी है, दुनिया में उसकी सराहना की जा रही है। हमारे टीकाकरण कार्यक्रम से अन्य देश सीख रहे हैं। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि गांव के लोगों को इलाज के लिए शहर न भागना पड़े। शहर में भी इलाज की उच्चस्तरीय सुविधा सुलभ हो, इस सम्बन्ध में फैसले लिये गये हैं। बीमारियों के निदान के लिए टेस्ट व चेकअप हेतु दूसरे शहरों में न जाना पड़े, इसके लिए हर जनपद में आधुनिक टेस्टिंग लैब बनाये जाएंगे। इस सम्बन्ध में बजट में धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चौरी चौरा के संग्राम में किसानों की भरपूर भूमिका थी। वर्तमान सरकार ने विगत 06 वर्षाें में किसान को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया है। कोरोना काल में भी कृषि में वृद्धि हुई तथा रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ। केन्द्रीय बजट में किसान कल्याण के लिए कई प्राविधान हैं। 1000 मण्डियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को मण्डी में अपनी फसल को बेचने में आसानी होगी। ग्रामीण क्षेत्र के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे किसान लाभान्वित और आत्मनिर्भर तथा कृषि लाभकारी होगी।
विनोद
जारी वार्ता
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