राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Feb 4 2021 11:04PM राष्ट्रीय - चौरी चौरा मोदी तीन लखनऊप्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का कार्य तेजी से संचालित है। यह योजना ग्रामीण विकास में सहायक है। इसके अन्तर्गत ग्रामीणों को उनके घर, जमीन के मालिकाना हक का अभिलेख उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे ग्रामीण जमीन का मूल्य बढ़ेगा। कर्ज लेने में आसानी होगी। सही अभिलेख उपलब्ध होने पर कोई उन पर बुरी दृष्टि नहीं डाल पाएगा। इससे गरीब किसान को लाभ होगा।केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयास से किस तरह देश व प्रदेश की तस्वीर बदल रही है, गोरखपुर इसका उदाहरण है। यहां खाद कारखाना फिर से शुरु हो रहा है। इससे किसानों को लाभ होगा व युवाओं को रोजगार मिलेगा। एम्स बन रहा है। मेडिकल कॉलेज से बड़ी संख्या में लोगों की जीवनरक्षा हो रही है। कई दशकों से इन्सेफेलाइटिस से यह क्षेत्र प्रभावित रहा है। इन्सेफेलाइटिस से नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जो कार्य हुआ है, उसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। पूर्वांचल में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया है। 04 लेन व 06 लेन की सड़कें बन रही हैं। गोरखपुर से 08 शहरों हेतु हवाई यात्रा सुविधा उपलब्ध हो गयी है। कुशीनगर में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह सभी विकास कार्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि हैं।कार्यक्रम स्थल चौरी चौरा, गोरखपुर में उपस्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अपने स्वागत सम्बोधन में प्रधानमंत्री ,राज्यपाल का कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव भारत माता के अमर बलिदानी सपूतों के प्रति श्रद्धा व सम्मान व्यक्त करने का अवसर है। चौरी चौरा की घटना 04 फरवरी, 1922 को इसी स्थान पर हुई थी। प्रधानमंत्री की प्रेरणा व मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के आयोजन का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इन्सेफेलाइटिस पर नियंत्रण प्रधानमंत्री द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का उदाहरण है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में स्वच्छता, स्वदेशी व स्वावलम्बन, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मूर्तरूप दे रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि चौरी चौरा में आमजन और पुलिस की गोली से तीन लोग शहीद हुए। ब्रिटिश सरकार द्वारा 228 स्वतंत्रता सेनानियों पर मुकदमा चलाया गया। 225 स्वतंत्रता सेनानियों को सजा हुई। इनमें से 19 को मृत्यु दण्ड, 14 को आजीवन कारावास, 19 को आठ वर्ष का कारावास, 57 को पांच वर्ष का कारावास, 20 को तीन वर्ष का कारावास तथा 03 को दो वर्ष के कारावास की सजा दी गयी। इस घटना को ध्यान में रखकर वर्ष 1857 से वर्ष 1947 के मध्य के सभी शहीद स्मारकों एवं आजादी के बाद विभिन्न युद्धों में शहीद अमर बलिदानियों के शहीद स्थलों पर राज्य सरकार द्वारा वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रारम्भ की जा रही है। उन्होंने कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का ‘लोगो’ ‘स्वरक्तैः स्वराष्ट्रं रक्षेत्’ अर्थात ‘हम अपने रक्त से अपने राष्ट्र की रक्षा करते हैं’, स्वतंत्रता आन्दोलन के शहीदों के जीवन आदर्शाें से ओतप्रोत है। विनोद जारी वार्ता