लखनऊ 21 फरवरी (वार्ता) मणिपाल टेक्नाॅलजीज लिमिटेड (एमटीएल) को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) की ओर से राज्य में स्व सहायता समूहों की 8,000 महिलाओं को बैंकिंग संवाददाता (बीसी) सखी के रूप में प्रशिक्षित करने और काम के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
कंपनी ने यहां जारी एक बयान में कहा, “एमटीएल ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह की उपस्थिति में आयोजित एक कार्यक्रम में इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किये।” यह परियोजना, यूपीएसआरएलएम के राज्य के सभी 75 जिलों में बीसी सखियों या बैंकिंग एजेंटों के रूप में 58,000 ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित और काम के लिए तैयार करने के मिशन का हिस्सा है।
‘ग्रामीण भारत में बैंकिंग सेवाएं घर के द्वार पर’ की इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के गांवों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाना है। इससे इन ग्रामीण महिला स्व सहायता समूहों की घरेलू आय में वृद्धि होगी और उन्हें डिजिटल वित्तीय प्रौद्योगिकियों में शिक्षित किया जाएगा।
इस अवसर पर, एमटीएल के उपाध्यक्ष राजेश शेट ने कहा, “हमारा सुरक्षित और आसानी से उपयोग हो सकने वाला प्रौद्योगिकी समाधान अब उत्तर प्रदेश में ग्रामीण महिलाओं को कई बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ एक बड़े समाज के लिए अपने उद्यमी कौशल का प्रदर्शन करने में मदद करेगा।”
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) पहल के तहत, प्रत्येक बीसी सखी को पहले छह महीनों के लिए 24,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। उनके गांव में निर्बाध बैंकिंग सेवाएं देने के लिए उन्हें एकीकृत पीओएस डिवाइस, कैश बॉक्स, नकली-मुद्रा डिटेक्टर डिवाइस आदि के साथ विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इन सखियों को वर्तमान महामारी के दौरान सुरक्षा एवं स्वच्छता बनाए रखने और ग्राहक प्रमाणीकरण के लिए एक संपर्क रहित आईरिस स्कैनर भी प्रदान किया जाएगा।
एनआरएलएम की ओर से यह पहल ग्राम पंचायत में बैंकिंग और अन्य डिजिटल भुगतान सेवाएं प्रदान करने के लिए स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, ताकि ग्रामीणों को बुनियादी बैंकिंग और भुगतान सेवाओं तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करने की आवश्यकता न हो।
संजय, यामिनी
वार्ता