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झांसी में मनायी गयी संत रविदास जयंती

झांसी 27 फरवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश के झांसी में लोगों और राजनीतिक दलों ने शनिवार को संत रविदास जयंती पर सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ उनके संर्घष को याद किया।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ की अध्यक्षता में संत शिरोमणि रविदास की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि ऐसे संत जिनका कोई अंत नहीं हम उन्हें ईश्वर का स्वरूप माने तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। संत रविदास एक ऐसे संत थे जिन्होंने असमानता और छुआछूत के खिलाफ जन भावना प्रेषित की । जब निजामुद्दीन के पास स्थित नगर के अंदर संत रविदास पहुंचे तो सिकंदर लोदी ने सैकड़ों एकड़ जमीन दान की और एक पवित्र कुंड भी बनवाया सरकार ने उसको जब तुड़वाया तो उसकी लड़ाई हमने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी और उसी जज ने उसको फिर से बनवाने का आदेश दिया जहां आज रविदास जी का भव्य मंदिर बन रहा है क्योंकि संत रविदास एक जाति धर्म संप्रदाय के नहीं थे वे सारी दुनिया के संत थे हम उन्हें शत शत नमन करते हैं!
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अरविंद वशिष्ठ ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी का जीवन सादगी पूर्ण था वह जूता बना कर अपना जीवन यापन करते थे और कर्म को ही पूजा मानते थे। एक बार जब गांव के लोग गंगा स्नान को जा रहे थे तो उन्होंने संत रविदास जी से भी गंगा स्नान का आग्रह किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें ग्राहक का जूता समय पर देना है इसलिए वह भी अपने काम को छोड़कर गंगा स्नान को नहीं जा सकते और उन्होंने कर्म को प्रधानता दी और गंगा मां को नमन करते हुए श्रद्धा पूर्वक कहा मन चंगा तो कठौती में गंगा और स्वयं गंगा मां ने उन्हें कठोती में ही दर्शन दे दिए।
इस अवसर पर राजेंद्र शर्मा एडवोकेट, युथुप जैन पिंकी, डॉक्टर सुनील तिवारी, राकेश त्रिपाठी, मजहर अली, अंकुर मिश्रा,अनिल रिछारिया, गिरजा शंकर राय,नीरज सेन , आकाश गौतम, वीरेंद्र झा बंटी, रशीद कुरेशी आदि उपस्थित रहे। सभा का संचालन अरविंद बबलू सभासद ने किया आभार प्रतीक द्विवेदी ने व्यक्त किया।

समाजवादी पार्टी के प्रधान कार्यालय किसान बाजार में जिलाध्यक्ष महेश कश्यप की अध्यक्षता मे संत रविदास की जंयती के उपलक्ष्य मे उनके त्याग और जीवनदर्शन को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इससे पूर्व इलाईट सीपरी रोड पर स्थापित स्वतंत्रता संग्राम सैनानी चन्द्रशेखरआजाद की प्रतिमा माल्यार्पण करते हुए पुण्यतिथि मनाई।
जिलाध्यक्ष महेश कश्यप ने कहा कि संत रविदास समाज सुधारक , महान क्रांतिकारी और स्वतंत्र चिंतक साधक एवं कवि के रूप में विख्यात थे। उन्होंने भक्ति मार्ग पर चलते हुए सत्संग के माध्यम से सामाजिक समरसता व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के साथ ही जाति वर्ग एवं धर्म के मध्य की दूरियों को मिटाने का अथक प्रयास किया। उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर हमें देश में बढ़ रही सांप्रदायिकता एवं टूट रहे भाईचारे को रोकने के लिए कार्य करते रहना होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी तिलक चन्द्र अहिरवार नेतृत्व कहा कि संत रविदास ने कर्मकाण्ड और अंधविश्वासो का डटकर विरोध किया । उनका मूल दर्शन था कि सभी मनुष्य एक समान है मानव-मानव मे भेद नही करना चाहते । इस अवसर पर के के सिंह यादव , प्रदीप कुशवाहा, तारिक़ अनवर, पं सतेन्द्रपुरी गोस्वामी, ठाकुर अमित सिंह, रीना यादव, रजनी बाथम, शुभी राजपूत, जयदेव शिवहरे, अभिनन्दन जैन, ठाकुर हर्ष सोंलकी, आमिर खान, छोटे लाल वर्मा, गौरव उपाध्याय, सुरेन्द्र राजपूत, कय्यूम राईन मौजूद रहे। संचालन आरिफ खान ने किया आभार के के सिंह यादव ने व्यक्त किया।
जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में बाहर दतिया गेट, झांसी में वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री मुन्नी देवी अहिरवार के संयोजन में संत शिरोमणि रविदास महाराज की जयंती उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग के उपाध्यक्ष मनीराम कुशवाहा के मुख्य आतिथ्य एवं जिला उपाध्यक्ष नीता अग्रवाल की अध्यक्षता में मनाई गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने संत शिरोमणि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
प्रदेश उपाध्यक्ष मनीराम कुशवाहा ने कहा कि जब देश में राजा महाराजाओं एवं छत्रपों का अधिपत्य था और जातिवाद, भेदभाव , छुआछूत का बोलबाला था। तब 15वीं शताब्दी में संत शिरोमणि रविदास जी का प्रादुर्भाव हुआ और उन्होंने समाज सुधार की दिशा में कार्य करते हुए अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ अलख जगाया। उन्होंने मन चंगा तो कठौती में गंगा का उद्घोष करते हुए समझाया कि व्यक्ति को शरीर से नहीं बल्कि आत्मा से पवित्र होने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि कोई भी व्यक्ति जाति और धर्म से महान नहीं होता। वह अपने कर्मों से पहचाना जाता है। उन्होंने लोगों को भाईचारा और सहिष्णुता का ज्ञान दिया। वह अपने समय के महान संत थे। उन्होंने अस्पृश्यितों को समाज में बराबर का अधिकार दिलाने के लिए कार्य किया। उनकी ईश्वर के प्रति सच्ची भावना से प्रेरित होकर हर जाति व धर्म के लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा और वह उनके अनुयाई बने। वर्तमान परिवेश हमें उनके आदर्शों और संदेशों का अनुसरण करते हुए भाईचारा और सामाजिक एकता को मजबूत बनाने के लिए कार्य करना चाहिए।
इस अवसर पर अफजाल हुसैन, अमीरचंद आर्य, ऋषभ साहू, पार्वती देवा कुशवाहा, हजरत खान, प्रेमलता वर्मा, गीता वर्मा, सौरभ पाठक, शशि वर्मा, मुकेश वर्मा राकेश श्रीवास, राहुल वर्मा, मीना वर्मा,ऋषि कुशवाहा, कुलदीप वर्मा आदि ने विचार व्यक्त किए।
सोनिया
वार्ता
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