Wednesday, Apr 24 2024 | Time 16:14 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


शिक्षा अधिकरण न्याय व्यवस्था को कमजोर करने का तंत्र: त्रिपाठी

प्रयागराज, 02 मार्च (वार्ता) शिक्षा सेवा अधिकरण को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हड़ताल पर है और इसकी उपयोगिता और इसकी वैधानिकता पर बहस छिड़ गयी है।
संविधान के जानकार एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अमर नाथ त्रिपाठी का कहना है कि मूल संविधान में अधिकरण की परिकल्पना नहीं थी। उन्होंने कहा कि 42वें संविधान संशोधन से अनुच्छेद 323 ए के तहत संसद के कानून से केन्द्रीय प्रशासनिक सेवा अधिकरण बनाने की व्यवस्था की गयी है। अनुच्छेद 323 बी में राज्य सरकार को अन्य अधिकरण बनाने का अधिकार दिया गया है, जिसमे शिक्षा शामिल नहीं है।
उच्चतम न्यायालय ने टीएमए पाई केस मे राय दी कि प्राइवेट व अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान के शिक्षक व स्टाफ के लिए न्याय का फोरम दिया जाना चाहिए। इन्हे सिविल अदालत के भरोसे न्याय पाने के लिए छोड़ा नहीं जाना चाहिए। सरकारी या वित्तीय सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओ के सेवा कानून बने है। जिसका सहारा ले उच्च न्यायालय से न्याय प्राप्त कर रहे है।
उच्चतम न्यायालय ने निजी शिक्षण संस्थान के लिए अधिकरण देने की बात की थी। लेकिन राज्य सरकार ने वित्तीय सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान के अध्यापको को स्टाफ के लिए अधिकरण बनाकर उच्चतम न्यायालय की राय के विपरीत कार्य किया है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि अनुच्छेद 226 मे उच्च न्यायालय को अंतर्निहित शक्तियां प्राप्त है। उच्चतम न्यायालय के तमाम फैसलो ने अध्यापको को इसके उपयोग का अधिकार दिया है। अब नये शिक्षा सेवा अधिकरण कानून से उच्च न्यायालय के अधिकार में कटौती करने की कोशिश की गयी है। अधिकरण के फैसले के खिलाफ अपील उच्चतम न्यायालय में होगी। एल चंद्र कुमार केस मे उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण मामले में कहा कि उच्च न्यायालय की रिब्यू करने के अधिकारों में कटौती नहीं की जा सकती । इस फैसले के खिलाफ नये कानून में व्यवस्था देकर न्यायालय का माखौल उडाया गया है।
अधिवक्ता ने कहा कि अमल्गमेशन आर्डर 1948 से लखनऊ की चीफ अदालत को दो कमिश्नरियों का क्षेत्राधिकार दिया गया जिसे राज्य पुनर्गठन के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ माना गया। दो मंडलो के अलावा पूरे प्रदेश का क्षेत्राधिकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय को है। शिक्षा सेवा अधिकरण की पीठ लखनऊ में बनाकर सरकार उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप कर रही है, जिसका उसे अधिकार नहीं है। लखनऊ पीठ के केस इलाहाबाद में सुने जा सकते है लेकिन इलाहाबाद के केस लखनऊ पीठ को सुनने का वैधानिक अधिकार नहीं है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि 86 वे संविधान संशोधन से शिक्षा अधिकार को अनुच्छेद 21के तहत मूल अधिकार मे शामिल कर लिया गया है। अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 संसद द्वारा पारित किया गया है। समवर्ती सूची में होने के बावजूद शिक्षा केन्द्र सरकार के अधिकार में चली गयी है। एनसीटीई के नियम सभी राज्यो पर लागू है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के जरिये केन्द्रीय नियंत्रण है। ऐसे मे राज्य सरकार को शिक्षा अधिकरण बनाने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि वैसे भी यदि अधिकरण बनाना ही है तो मद्रास उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन केस में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि जहां उच्च न्यायालय की पीठ हो वही अधिकरण बनाया जाय ताकि न्यायालय के अधीक्षण में आसानी हो।
मेसर्स टार्क फार्मास्युटिकल केस मे उच्च न्यायालय ने कहा है कि हाईकोर्ट पीठ व प्रधानपीठ समानार्थी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रधानपीठ प्रयागराज में है। ऐसी दशा मे अधिकरण की पीठ प्रयागराज में ही होनी चाहिए।
यंग लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार त्रिपाठी ने अभी तक के अधिकरणो से न्याय के अनुभव को देखते हुए इसे वादकारी को न्याय की भूलभुलैया में उलझाने वाली संस्था बताया और कहा कि अधिकरण केवल नौकरशाह की सेवानिवृत्ति के बाद भी फल पाने की सोच का नतीजा है।
अधिकरण में ऐसे आईएएस अधिकारी भी न्याय देगे जिन्हे कानून का कोई ज्ञान ही नहीं है। न ही उनके पास कानून की डिग्री है।
उन्होंने सरकार पर नौकरशाही के चंगुल मे फंसकर न्यायालय के फैसलो की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन कानून के अनुशासन से निरंकुश होकर न्याय व्यवस्था को अपने हाथ लेना चाहता है। सरकार उसकी बात आंख मूदकर मानने और उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र मे हस्तक्षेप करने पर आमादा है। इसलिए कानून व्यवस्था को कमजोर करने के लिए अधिकरण बनाये जा रहे है। जिसका शिक्षक संघ भी विरोध कर रहे है।
सं दिनेश त्यागी
वार्ता
More News
मोदी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर लगा अंकुश : पाठक

मोदी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर लगा अंकुश : पाठक

23 Apr 2024 | 11:03 PM

बहराइच 23 अप्रैल (वार्ता) उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मंगलवार को कहा कि केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार में पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया है। अब भ्रष्टाचारी जेल में है और भ्रष्टाचार पूरी तरह बंद हो गया है।

see more..
समान नागरिकता कानून के लिए भाजपा को चाहिये 400 पार: केशव

समान नागरिकता कानून के लिए भाजपा को चाहिये 400 पार: केशव

23 Apr 2024 | 10:59 PM

फर्रुखाबाद 23 अप्रैल, (वार्ता) उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश में समान नागरिकता कानून लाने के लिये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 400 पार चाहिए।

see more..
कांग्रेस रूपी लंका को मोदी जलाएंगे: स्मृति

कांग्रेस रूपी लंका को मोदी जलाएंगे: स्मृति

23 Apr 2024 | 10:50 PM

अमेठी 23 अप्रैल (वार्ता) केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को रावण की लंका की संज्ञा देते हुये कहा कि इस लंका को राम भक्त नरेन्द्र मोदी जलाने को तैयार हैं।

see more..
योगी ने रोड शो कर भाजपा प्रत्याशी के लिये मांगा जनसमर्थन

योगी ने रोड शो कर भाजपा प्रत्याशी के लिये मांगा जनसमर्थन

23 Apr 2024 | 10:32 PM

मेरठ, 23 अप्रैल (वार्ता) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मेरठ में रोड शो कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी और रामानंद सागर की रामायण के भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल के लिये जनसमर्थन की अपील की।

see more..
भाजपा संविधान बदलने पर आमादा : शिवपाल

भाजपा संविधान बदलने पर आमादा : शिवपाल

23 Apr 2024 | 10:26 PM

इटावा, 23 अप्रैल (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह ने कहा कि देश गंभीर संकटों से घिरा हुआ है लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संविधान बदलने की फिराक में है।

see more..
image