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किसानों की मांगे पूरी होने तक अनवरत चलेगा आंदोलन :गौरीशंकर बिदुआ

झांसी 26 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेश के झांसी में किसानों ने अपनी परेशानियों को संबंधित विभाग के अधिकारियों को बताने के लिए एक अनूठा तरीका खोजा और शुक्रवार को अधिकारियों के सम्मान समारोह का आयोजन किया लेकिन किसी विभाग का कोई अधिकारी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचा।
बुंदेलखंड में किसानों की प्रमुख समस्याओं के लिए अधिकारियों पर अंतहीन चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए सात दिन से आंदोलनरत किसानों के मुखिया और किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर बिदुआ ने कि सात दिनों से हमारी समस्याओं को सुनने और समझने का समय जब अधिकारियों को नहीं मिला तो हमने उनका सम्मान समारोह आयोजित किया। हमें उम्मीद थी कि वे सम्मान समारोह में पधार कर किसानों से सम्मान के साथ उनकी मांगे एवं पीड़ा सुने और स्वीकार करें लेकिन निमंत्रण के बावजूद किसी भी अधिकारी का कार्यक्रम में नहीं पहुंचना दुखद है।
हमने लखेरी, पथराही एवं पहुंच बांध की समस्याओं समेत जिला ललितपुर में निर्माणाधीन पांच बांध जिनमें कचरोदा, उंटारी, भावनी, भोरट, क्योलारी बांध शामिल है समस्याओं के लिए मुख्य अभियंता दक्षिण स्तर वन मुख्य अभियंता बेतवा मुख्य अभियंता परियोजना एवं अधिशासी अभियंता खंड 5 को आमंत्रित किया था। कृषि बीमा से वंचित 55000 किसानों को प्रीमियम एवं सभी कागजातों के जमा होने के बाद 2019 खरीफ का बीमा नहीं मिलने की जानकारी देने के लिए संयुक्त कृषि निदेशक मंडल झांसी, लीड बैंक मैनेजर एलडीएम ,उप कृषि निदेशक रीजनल मैनेजर कृषि बीमा कंपनी को इसी कड़ी में अन्ना प्रथा की समस्या को समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा स्थाई व अस्थाई गौशालाओं का निर्माण के बावजूद उसमें हजारों की तादाद गौवंश के भूख एवं ठंड से मर जाने का कारण जानने के लिए जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आमंत्रित किया था ।
हमने किसान सम्मान समारोह की पूरी तैयारी और इंतजाम किया लेकिन किसी भी विभाग के किसी भी अधिकारी ने समारोह में भाग नहीं लिया जबकि आमंत्रण पत्र सभी अधिकारियों के कार्यालय तक आमंत्रण पत्र पहुंचाया गया था।
अधिकारियों के समारोह में ना आने पर दुख व्यक्त करते हुए श्री बिदुआ ने कहा कि बुंदेलखंड के किसानों का यह दुर्भाग्य है कि जिन अधिकारियों के सामने किसान शोषण का शिकार होते हैं वहीं अधिकारी किसानों से सम्मान लेने तक नहीं आए और आरोप लगाया कि यह भ्रष्ट अधिकारी वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर रात भर जाग कर किसानों के हक की बंदर बांट कर खाने की गुणा भाग लगाकर कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी अधिकारियों को यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि धरना स्थल पर ना आने से उनकी जवाबदेही खत्म नहीं होगी जब तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा आंदोलन यथावत चलता रहेगा।
किसान आंदोलन में शामिल रहे विजय कुमार कर्ण रामजी सिंह जादौन पारीछा, देवी सिंह कुशवाहा परसादी, अमर सिंह पप्पू पाल, मुन्ना चौधरी, रमेश पचौरी, वीर सिंह पाल, राकेश कुमार, माते हीरालाल आदि।
सोनिया
वार्ता
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