राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Apr 7 2021 11:09PM विभागीय लापरवाही का शिकार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजनाहमीरपुर 7 अप्रैल(वार्ता) उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में विभागीय अफसरो की लापरवाही के चलते प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना फ्लाप होती जा रही है। दो साल में असंगठित श्रमिकों का लक्ष्य से सिर्फ 50 फीसदी रजिस्ट्रेशन भी नही हो पाया है। इस मामले मे जिलाधिकारी का आदेश बेअसर हो रहा है। श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने बुधवार को बताया कि शासन ने इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत 15 फरवरी 2019 को हुयी थी,जिसमें फेरीवाले, रिक्शा चालक, ईट भट्टे के श्रमिक,मोची, रोजगार सेवक, रसोईया, मनरेगा श्रमिक,आशाबहू,एनआरएलएम के कर्मी करीब दो दर्जन विभाग ऐसे है जिनका रजिस्ट्रेशन होना था। इन श्रमिकों को उम्र के अनुसार 55 रुपये से लेकर दो सौ रुपये तक की प्रीमियम के रुप में एलआई सी में धनराशि जमा करनी थी। संबंधित श्रमिक को साठ साल की उम्र के बाद तीन हजार रुपये पेशन दिये जाने का प्राविधान किया गया है। श्रमिकों द्वारा किये गये अंशदान के बराबर केंद्र सरकार उतना ही धनराशि जमा करती है। जिले में असंगठित श्रमिकसबसे ज्यादा स्वास्थ्य विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग,कृषि विभाग में है जो शासन से पंद्रह हजार रुपये मानदेय लेकर काम करते है वह सभी असंगठित क्षेत्र की श्रेणी में आते है। सभी का रजिस्ट्रेशन जनसेवा केंद्र में किया जाता है हालाकि शासन ने इसका नोडल श्रम प्रवर्तन अधिकारी को बनाया है मगर नोडल अधिकारी को दो दर्जन विभागों का कोई सहयोग न मिलने के कारण योजना फ्लाप होती जा रही है। यही नही समय समय पर इसकी बैठक होती रहती है। जिलाधिकारी के कडे आदेश जारी किये जाते रहते है मगर कोई असर नही होता है। यही हाल किसानों व व्यापारियों का है इसके लिये श्रम विभाग ने ब्लाको में काउन्टर लगाकर किसी तरह कुछ लोगों का रजिस्ट्रेशन करा दिया है मगर कृषि विभाग की हालत तो बहुत ही खराब है। विभाग ने नोडल अधिकारी को आज तक रिपोर्ट नही दी है कि विभाग ने कितने किसानों का पंजीयन किया है अभी तक करीब एक हजार व्यापारियों का पंजीयन हो पाया है। इसके लिये व्यापार कर अधिकारी विभाग का कोई सहयोग नही करते है। इस योजना को फ्लाप करने का सबसे ज्यादा योगदान ब्लाक में बैठे बीडीओ का है जो जानबूझकर योजना को संचालित नही करते है हालाकि कुछ लोग कुछ दिन तक प्रीमियम जमा करते है इसके बाद उनको कोई प्रेरित नही किया जाता है जिससे लोग प्रीमियम जमा करना छोड़ देते है। यदि शासन ने इस योजना पर अफसरो के पेच नही कसे तो यह योजना हमेशा के लिये हमेशा बंद हो जायेगी। श्रम प्रवर्तन अधिकारी का कहना है कि इस मामले में उन्होने सभी विभागों को शासनादेश से अवगत करा दिया है मगर कई विभाग तो जरा सा भी ध्यान नही दे रहे है जिससे योजना फ्लाप होने की कगार पर पहुंचती जा रही है। उनका मानना है कि इसके लिये शीघ्र ही एक बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बुलायी जायेगी।सं प्रदीपवार्ता