राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Apr 10 2021 6:19PM सवा लाख मतदाता पहली बार पंचायत चुनावों में करेंगे शिरकतसहारनपुर 10 अप्रैल (वार्ता) त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 15 अप्रैल को होने वाले मतदान वाले सहारनपुर जिले में इस बार एक लाख 26 हजार युवा मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ऐसे मतदाताओं की सोच परंपरा से हटकर आधुनिक युग की मांग के मुताबिक गांवों की सरकारों में बदलाव लाने की है। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि 15 अप्रैल को जिले के 18 लाख 54 हजार 991 मतदाता पंचायत चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 के चुनावों में जिले में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 17 लाख 28 हजार 612 थी जिसमें अबकी एक लाख 26 हजार 379 नए मतदाता जुड़ गए हैं। जिनकी अपनी अलग ही सोच है। नए मतदाताओं में पहली बार वोट डालने को लेकर खासा उत्साह दिख रहा है। दिलचस्प है कि चुनाव मैदान में आधे से ज्यादा उम्मीदवार भी युवा और उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। यूनीवार्ता से बातचीत में युवा मतदाताओं ने कहा कि उनकी इच्छा है कि गांवों में युवकों में खेलों के प्रति बढ़ते रूझान को देखते हुए खेल के मैदान और स्टेडियम आदि बनाए जाएं ताकि उनकी प्रतिभा निखर सके और वह राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सकें। स्कूल कालेज के भवनों का आधुनिकीकरण किया जाए। कक्षाओं में बिजली फर्नीचर की उत्तम व्यवस्था हो। गांवों में सुदृढ़ सड़कें बनें और पानी निकासी का बेहतर प्रबंधन हो। स्ट्रीट लाइट पर भी ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत समुचित ध्यान दे। मुजफ्फराबाद ब्लाक के गांव रामखेड़ी के युवक गौरव राणा चाहते हैं कि गांवों में स्टेडियम बने जिससे नौजवान सेना और पुलिस में भर्ती की तैयारी कर सके। गांवों में कंप्यूटर सेंटर बनाए जाए इसका बड़ा लाभ ग्रामीण युवतियों को होगा। ब्लाक पुंवारका के गागलहेड़ी निवासी राजीव गुप्ता का कहना है कि पुरानी परंपराओं से अलग हटकर नए ग्राम प्रधान गांवों को आदर्श गांव में तब्दील करें और सभी तरह के भेदभावों को किनारे कर सिर्फ विकास कार्यों पर ध्यान दें। गांवों में पार्क विकसित किए जाएं। पथ-प्रकाश की सुदृढ़ व्यवस्था हो। ब्लाक साढ़ोली कदीम की छात्रा निकेता कांबोज को इस बात की बेहद तकलीफ है कि गांवों में आज भी चुनावों के दौरान विकास की बातें कम और शराब पिलाने, दावत खिलाने पर ज्यादा जोर रहता है। वह ऐसे प्रधान के लिए वोट करेंगी जो शिक्षित हो और अपने वायदों के प्रति ईमानदार हो और केंद्रीय और राज्य स्तरीय योजनाओं का लाभ उचित पात्रों तक पहुंचाने का काम करे। उन्होंने कहा कि युवकों को ही नहीं युवतियों को भी खेल के मैदान चाहिए। ब्लाक गंगोह के गांव शकरपुर के छात्र सागर सैनी ने कहा कि गांवों में नशे की प्रवत्ति बढ़ रही है। जिससे युवा पीढ़ी पथभ्रष्ट हो सकती है। नए चुने जाने वाले प्रधानों ब्लाक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों को चाहिए कि वे गांवों को आदर्श माडल के रूप में विकसित करें। गांवों के भ्रमण के दौरान अनेक जगह बदहाली और दुव्र्यवस्था दिखाई दी। दूषित पेयजल,जल भराव खस्ताहाल संपर्क मार्ग और बदहाल स्ट्रीट लाइट,खराब पड़े हैंडपंप और सौर ऊर्जा प्रकाश व्यवस्था,कच्ची नालियां, कीचड़ भरे नाले कई गांवों की पहचान बने हैं। ग्रामीणों ने शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए गांवों में वाटर हैड टैंक बनाकर शहरों की तरह घर-घर तक जलापूर्ति करने की इच्छा जताई है। मतदाताओं से संपर्क के दौरान उम्मीदवार लुभावने वायदे तो कर रहे हैं देखना है कि चुने जाने के बाद वे मतदाताओं की कसौटी पर कितने खरे उतरते हैं।सं प्रदीपवार्ता