राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 25 2021 12:43PM राजनीति शिवपाल यात्रा दो इटावासपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल के बीच 2017 से दूरियां बनी हुयी है। 2019 के संसदीय चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन करके पूरे प्रदेश भर में अपने उम्मीदवार उतारे थे और खुद शिवपाल फिरोजाबाद संसदीय सीट से सपा के अधिकृत उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे यहां शिवपाल को करीब 93000 वोट हासिल हुए थे लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी लेकिन शिवपाल के उतरने से अक्षय यादव चुनाव हार गए और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चंद्र सिंह जादौन विजयी निर्वाचित हो गए। इसलिए प्रसपा को चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भाजपा की बी टीम कह कर संबेाधित किया जाने लगा । आरोपों से घिरने पर शिवपाल हमेशा यह सफाई जरूर देते है कि उनको भाजपा से कोई लेना देना नही है लेकिन वह यह कई बार स्वीकार कर चुके है कि भाजपा ने उनको पार्टी के शामिल होने का आंमत्रण दिया जिसे उन्होने स्वीकारा नही है । संसदीय चुनाव में प्रसपा की करारी हार के बाद शिवपाल लगातार सपा से गठबंधन करने की वकालत कर रहे हैं । संसदीय चुनाव में करारी हार के बाद अपने बड़े भाई और समाजवादी पार्टी के संरक्षक के मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन अवसर पर सैफई में आयोजित समारोह में शिवपाल सिंह यादव ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि वह पारिवारिक एकता के लिए किसी भी तरीके के समर्पण के लिए तैयार हैं जिसको सपा ने कोई तव्वजो नही दी । होली,दीपावली कई ऐसे अवसर आए जिसमें शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव का आमना सामना तो हुआ लेकिन बातचीत संभव नहीं हो सकी । सैफई में ही पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव की बहन दीपाली की शादी के अवसर पर भी ऐसा माना जा रहा था कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच बातचीत संभव है लेकिन यह केवल चर्चाओं तक ही सीमित रह गई। एक अगस्त को अपने निर्वाचन इलाके जसंवतनगर मे शिवपाल सिंह यादव का खुलेआम किये गये एक संबोधन की चर्चा हर ओर से इस समय होती हुई दिख रही है जिसमे उन्होने कहा कि 2022 विधानसभा मे यूपी मे किसी की भी सरकार बने पीएसपी सरकार मे शामिल होगी । शिवपाल सिंह यादव यह दोनो हाथो मे लडडू जैसा ही दिखाई दे रहा है ।शिवपाल ने कहा कि वह कभी भी फिरोजाबाद चुनाव से चुनाव मैदान में नहीं उतरते लेकिन सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव की ओर से कहा गया कि अगर शिवपाल कहीं वोट मांगने जाएंगे तो 500 से अधिक वोट नहीं मिलेंगे और अगर पूर्वी उत्तर प्रदेश में जाएंगे तो पीटे जाएंगे,इसी चेतावनी के बाद उन्होंने फिरोजाबाद संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरना मुनासिब समझा ।सं प्रदीपजारी वार्ता