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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को

मथुरा, 30 सितम्बर (वार्ता) श्रीकृष्ण जन्मभूमि संबंधी वाद में अदालत से शाही मस्जिद ईदगाह के अन्दर बने हिन्दू मंदिर के चिन्हों आदि की सत्यता की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति को बनाने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अर्जी दी । अदालत ने इस मामले में 18 अक्टूबर अगली सुनवाई करेगी।
अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह समेत पांच वादियों ने ठा0 केशवदेव जी महराज की 13 दशमलव 37 एकड़ भूमि के एक भाग में बनी शाही मस्जिद को हटाने के लिए दायर किये गए वाद में आज दिये गए प्रार्थनापत्र में कहा गया है कि शाही मस्जिद ईदगाह में न केवल हिन्दू मंदिर के शंख,ओम जैसे चिन्ह मौजूद हैं बल्कि मस्जिद का वास्तु भी हिन्दू मन्दिर जैसा है। इन चिन्हों केा मिटाने से रोकने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट, पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के एक पुलिस अधिकारी एवं विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियन्ता की एक उच्च स्तरीय समिति बनाकर उससे मस्जिद में बने उक्त चिन्हों की जांच कर रिपोर्ट अदालत में पेश करने का अनुरोध किया गया है। अदालत से समिति द्वारा की गई जांच में दौरान इस वाद के वादियों को भी रहने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
उधर बचाव पक्ष के अधिवक्ता नीरज शर्मा ने बताया कि आज उन्होंने अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा दिए गए प्रार्थनापत्र की कापी ले ली है तथा इसका जवाब अगली पेशी में देंगे। उन्होंने अदालत से यह भी कहा है कि उक्त वाद में चूंकि सबंधित कानूनी दस्तावेज नहीं लगाए गए है इसलिए यदि विपक्षी पार्टी अगली सुनवाई में उन दस्तावेजों को नहीं लगाती तो उनके द्वारा दायर किये गए वाद को परेशान करने वाला मानते हुए खारिज कर देना चाहिए।
जिला जज की अदालत में बुधवार को लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री एवं अन्य द्वारा सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं तीन अन्य के खिलाफ दायर वाद में वादी की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने इस बाद के रिवीजन पर अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस वाद का रिवीजन स्वीकार करने योग्य है। इस वाद में 12 अक्टूबर को प्रतिवादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता नीरज शर्मा द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
सं त्यागी
वार्ता
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