राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 1 2021 6:41PM भूगर्भ जल की सुरक्षा व नियंत्रण के लिए झांसी प्रशासन हुआ कठोरझांसी 01 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के झांसी में घटते भूगर्भ जलस्तर के कारण जल की उपलब्धता को लेकर आ रही बडी समस्या को देखते हुए प्रशासन ने इसकी सुरक्षा और नियंत्रण के लिए कठोर रूख अपनाया है। यहां विकास भवन सभागार में शुक्रवार को जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद की बैठक में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने अधिकारियों को भूगर्भ जल की सुरक्षा और नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिये क्योंकि यदि ऐसा नहीं किया गया तो कठिन स्थिति पैदा हो सकती है। बैठक मे कहा गया कि ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में जल के स्रोतों में कमी आ गई है। भूगर्भ जल घरेलू,कृषि व उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत होने के कारण खाद्य और जीविका का आधार है क्योंकि जल प्रकृति का स्रोत है और भूमि में वनस्पति इत्यादि उत्पन्न करता है। बारिश का जल खास तौर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा कर एकत्र किया जाए जिससे उसका उपयोग अनेक कार्यों में किया जा सके। प्राकृतिक रूप से जल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं और जल दोहन रोका जाए। जिलाधिकारी ने बैठक में भूगर्भ जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित किये गये आर्थिक दंड व सजा की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए जाने के निर्देश दिए और ग्रामीण स्तर पर इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा। इस अवसर पर सहायक अभियंता भूगर्भ जल शशांक शेखर सिंह ने बताया कि 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से कम क्षेत्रफल के आवासीय भवनों/संरचनाओं पर भी रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्थापित कराया जाना है, उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि प्राधिकरण अगर एनओसी देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर ले की स्वामी द्वारा रेन हार्वेस्टिंग का निर्माण होगा तभी स्वीकृति प्रदान की जाएगी। बैठक में उन्होंने निजी आवासीय भवनों में उपयोग में लाये जा रहे भूगर्भ जल को रिसाइकिल/री-यूज कराने के लिए सुझाव दिए। भूगर्भ जल की प्रबंधन और विनियमन के संबंध में जानकारी देते हुए जानकारी देते हुए सहायक अभियंता भूगर्भ जल विभाग ने बताया कि राज्य भूगर्भ जल अधिनियम के तहत औद्योगिक इकाइयों को पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य है, इसके लिए विभाग के वेब पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना सुनिश्चित करें। ऐसी इकाइयां जो भूगर्भ जल का दोहन कम करती हैं उन्हें अनापत्ति नहीं लेनी होगी परंतु पंजीकरण कराना उन सभी का अनिवार्य होगा 1 उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी औद्योगिक इकाई ने पंजीकरण नहीं कराया है। अधिकारी ने उद्यमियों को तत्काल पंजीकरण कराया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, उप जिलाधिकारी सान्या छाबड़ा, डीडीओ सुनील कुमार, डीपीआरओ जी आर गौतम सहित समस्त खंड विकास अधिकारी व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।सोनियावार्तासोनियावार्ता