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इनामी माफिया अजीत शाही ने किया आत्मसमर्पण

गोरखपुर 18 मई (वार्ता) पूर्वी उत्तर प्रदेश का शातिर बदमाश और गोरखपुर जिले का टाप टेन माफियों में शामिल अजीत शाही ने गुरूवार को पुलिस कर्मियों को चकमा देते हुए साथियों सहित गोरखपुर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया।
शाही को न्यायालय के बाहर तैनात पुलिसकर्मी हांथ लगाने का साहस भी न न कर सके। शाही पर 33 से अधिक गंभीर अपराधों लूट, हत्या और जबरन वसूली के मुकदमें शामिल हैं। इन सभी मामलों में वह वांछित था। पुलिस ने पिछले मंगलवार को उस पर 25 हजार रूपये का ईनाम भी घोषित किया था। उसके खिलाफ बुधवार को गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।
पुलिस का दावा था कि उसकी तलाश में पुलिस टीम गोरखपुर के अलावा अन्य जिलों में भी दबिश दे रही है जबकि एसटीएफ भी माफिया और उसके साथियों की तलाश में जुटी थी। दावा था कि पुलिस की एक टीम कचहरी के आसपास भी चौकन्ना है ताकि माफिया कोर्ट में हाजिर न होने पाए। बावजूद इसके माफिया के सरेंडर की भनक तक पुलिस को नहीं लगी। वर्ष 2006 में पीडब्ल्यूडी कांड के दोहरे हत्याकांड में भी इसका नाम आया था।
र्व्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद यह भूमिगत होकर काम कर रहा था मगर एक बार फिर रेलवे कोऑपरेटिव बैंक में तीन मई को हुए विवाद के मामले में 12 मई को समझौता करने गए माफिया अजीत शाही और अन्य लोगों पर बैंक के सहायक सचिव धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बैंक के अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर धमकी सहित अन्य धाराओं में शाहपुर थाने में केस दर्ज कराया है।
कर्मचारियों ने कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष अनिल सिंह विशेन को पूरी घटना का मास्टर माइंड बताया था और अनिल सिंह द्वारा ही अजीत शाही को बुलाने की बात कही गई थी। अजीत शाही के कोर्ट में हाजिर होने पर फिलहाल पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हैं।
उदय प्रदीप
वार्ता
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