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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में अवरोधों को हटाने का प्रयास

मथुरा 24 मई (वार्ता) श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही मस्जिद ईदगाह से संबंधित एक दर्जन से अधिक चल रहे मामलों में दो वाद और जुड़ गए हैं। वादियों के अनुसार नये वाद में उन बाधक तत्वों को दूर करने का प्रयास किया गया है जो जल्द फैसले में बाधक है।
डीजीसी सिविल संजय गौड ने बुधवार को बताया कि नया मामला कटरा केशवदेव में विराजमान देवता भगवान श्रीकृष्ण लाला द्वारा सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा की अदालत में दायर किया गया है। वाद में दावा किया गया है कि कटरा केशवदेव मन्दिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में शाही मस्जिद ईदगाह को बनाया गया है जिसे हटाने की जरूरत है।
वादी पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि प्लेसेज आफ वर्शिप ऐक्ट, ऐडवर्स पजेशन, वक्फ ऐक्ट, पूर्व में किये गए समझौते आदि के कारण आनेवाले बाधक तत्वों को हटाने का प्रयास किया गया है।वाद की अगली सुनवाई के लिए 25 मई की तिथि निर्धारित की गई है।
इस वाद में कटरा केशवदेव में विराजमान देवता भगवान श्रीकृष्ण लाला द्वारा दिल्ली निवासी सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, दिल्ली निवासी श्रीमती उमा जैन, उनके पति अधिवक्ता हरिशंकर जैन, श्रीमती अमीता सचदेवा, राकेश यादव, आशीष द्विवेदी एवं रमेश हनुमन्त शिंदे वादी हैं जब कि सचिव शाही मस्जिद ईदगाह मथुरा, चेयरमैन यू पी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ ,प्रबंध ट्रस्टी श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट एवं सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है।
वाद में प्रार्थना की गई है कि जिस जगह विवादित ढांचा यानी शाही मस्जिद बनाई गई है वास्तव में वही पुराना कारागार है तथा वादी नम्बर एक व दो उसके मालिक हैं तथा भक्तों को यह अधिकार है कि वह श्रीकृष्ण के जन्म के मुख्य स्थान पर पूजा अर्चना कर सकें।
अदालत से इस बात की स्थाई निषेधाज्ञा देने की प्रार्थना की गई है शाही मस्जिद ईदगाह के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, उनके एटोर्नी आदि श्रीकृष्ण जन्म के मूल स्थान पर प्रार्थना करने में व्यवधान पैदा न करें। अदालत से यह भी प्रार्थना की गई है कि वह शाही मस्जिद ईदगाह के पदाधिकारियों कों स्वेच्छा से विवादित ढांचे को हटाने का आदेश दें तथा 1967 के समझौते को रद्द कर दें तथा ऐसा कोई आदेश दें जो न्यायहित में हो।
डीजीसी सिविल के अनुसार दो दिन पूर्व इसी मामले में एक अन्य वाद श्रीकृष्ण लला द्वारा पूर्वी दिल्ली निवासी नरेश कुमार यादव एवं समयपाल सिंह यादव द्वारा सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा की अदालत में दायर किया गया है।इसमें भी सचिव शाही मस्जिद ईदगाह , चेयरमैन यू पी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ ,प्रबंध ट्रस्टी श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट एवं सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है।
इस वाद के पक्षकार के अधिवक्ता कपिल चतुर्वेदी ने बताया कि वाद में औरंगजेब द्वारा श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बने प्राचीन मन्दिर को तोड़कर मस्जिद बनाने के इतिहास के साथ यह दावा किया गया है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में शाही मस्जिद ईदगाह बनाई गई है तथा उसे वहां से हटाने के लिए कहा गया है। साथ ही ईदगाह के प्रबंधकों कार्यकर्ताओं, एटार्नी आदि को ईदगाह परिसर में प्रवेश करने से रोकने आदि की मांग की गई है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद ईदगाह वाद के अधिकांश वादों की सुनवाई 25 मई को होगी।
सं प्रदीप
वार्ता
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