राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 26 2023 6:42PM ----प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञान के बेंचमार्क पर डिग्री के साथ.साथ कौशल की भी जरूरत है। इसी के दृष्टिगत भारत में मिशन निरामया की शुरुआत 2022 में की गई जो भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अग्रसर है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की गुणवत्ता के क्षेत्र में पूरे उत्तर प्रदेश में 12 उत्कृष्ट संस्थानों में से एक संस्थान गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग भी है । इस मंच के माध्यम से मिशन निरामया नर्सों को सही सम्मान दिलाने का अभियान तथा स्वास्थ सेवा में उत्कृष्ट योगदान सिद्ध होगा।विशिष्ट अतिथि डा. जीएन सिंह ने शोधार्थियों और नर्सों को संबोधित करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित यह राष्ट्रीय संगोष्ठी आने वाले समय में चिकित्सा सेवा में संजीवनी का कार्य करेगी । इसमे नर्सों की भूमिका स्वास्थ सेवाओं के लिए आधार स्तंभ साबित होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रशिक्षित डॉक्टर के समान ही प्रशिक्षित नर्सें अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक हेल्थ केयर तथा शिक्षा का होगा। इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में जिन मुख्य विषयों पर चर्चा होगी वह स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक प्रमुख कदम होगा ।राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ पर बीज वक्तव्य देते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य डॉ़ राजकिशोर सिंह ने कहा कि भारत में नर्सों का कार्य चुनौती पूर्ण है। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अपने आप को अपडेट कर रोगियों की सेवा का संकल्प एक पुनीत कार्य है। नर्सों ने कोरोना महामारी में दौर में बेहतर कार्य किया जिसके लिए संपूर्ण विश्व उनकी सेवाओं के प्रति ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि हठयोग की माटी पर यह राष्ट्रीय संगोष्ठी मां भारती के प्रति सच्ची श्रद्धा और समर्पण के लक्ष्य को प्राप्त करेगी। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रथम राष्ट्रीय संगोष्ठी स्वास्थ के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए एक उत्तम मंच साबित होगी। यहां से शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी देश विदेश के स्वास्थ सेवाओं में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग का कार्य शांतिपूर्ण स्वास्थ सेवाओं से है। विभिन्न रोगों के प्रति नर्सेस का कार्य मनसा, वाचा, कर्मणा के आधार सूत्र पर केंद्रित है। अस्वस्थ व्यक्ति के प्रति नर्सों का संवेदनशील व्यवहार अचूक औषधि का कार्य करती है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने भी शोधार्थियों व नर्सों का मार्गदर्शन किया। इसके पूर्व समारोह के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार और भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह के साथ मां सरस्वती और भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया।उदय, सोनियावार्ता