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उत्तर प्रदेश योगी बाढ़ तीन अंतिम लखनऊ

श्री योगी ने कहा कि अतिसंवेदनशील और संवेदनशील प्रकृति वाले जिलों में जिलाधिकारी, क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, नगरीय निकाय के चेयरमैन/अध्यक्ष की उपस्थिति में बाढ़ पूर्व हो रही तैयारियों की समीक्षा करें। यह कार्य जून के पहले सप्ताह में कर लिया जाए। उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय द्वारा बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केंद्र अधिष्ठापित किए गए हैं। पूरे मॉनसून अवधि में यह केंद्र हर समय एक्टिव रहे।
आपदा प्रबंधन के लिए जिलों की अपनी कार्ययोजना होनी चाहिए। एनडीआरएफ/एसडीआरएफ के सहयोग से युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए। समस्त अतिसंवेदनशील तटबंधों पर नामित प्रभारी अधिकारी 24×7 अलर्ट मोड में रहें। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत् निगरानी की जाती रहे। बारिश के शुरुआती दिनों में रैटहोल/रेनकट की स्थिति पर नजर रखें।
उन्होने कहा कि बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए। नौकाएं, राहत सामग्री आदि के प्रबंध समय से कर लें। बाढ़/अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। नौका बड़ी हो। छोटी नौका/डोंगी का प्रयोग कतई न हो। नौका पर सवार सभी लोग लाइफ जैकेट जरूर पहने हुए हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान और बाद में बीमारियों के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष स्वास्थ्य किट तैयार करके जिलों में पहुंचा दिया जाए। क्लोरीन, ओआरएस, बुखार आदि की पर्याप्त दवा उपलब्ध हो। कुत्ता काटने/सांप काटने की स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद मिलनी चाहिए। लोगों को बताया जाए कि बाढ़ का पानी कतई न पिएं, जब भी पानी पीयें, उबाल कर-छान कर पिएं। राहत शिविरों में चिकित्सकों की टीम विजिट करे।
प्रदीप
वार्ता
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