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माघ पूर्णिमा पर मघा नक्षत्र का होगा अनुपम संयोग

भदोही, 22 फरवरी (वार्ता) भारतीय सनातन परंपरा में हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार किसी विशेष पर्व पर की गई पूजा, व्रत व उपवास से सर्व मनोकामना की पूर्ति का संयोग बनता है‌। इस बार माघ मास की पूर्णिमा तिथि मघा नक्षत्र होने पर विशेष फलदाई बन गई है। इस दिन गंगा स्नान दान व व्रत करना लाभकारी होता है।
प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित दीनानाथ शुक्ल के मुताबिक इस बार पूर्णिमा 23 फरवरी शुक्रवार को दिन में 3.34 मिनट पर लगेगी जो 24 फरवरी शनिवार को सायं काल 6:01 तक रहेगी, मघा नक्षत्र 23 फरवरी शुक्रवार को 7.26 मिनट से 24 फरवरी शनिवार को रात 10 .21 मिनट तक रहेगा। पूर्णिमा उदया तिथि मान से 24 फरवरी शनिवार को पड़ेगी। इस दिन मघा नक्षत्र भी संपूर्ण दिन रहेगा।
इस दिन व्रत कर्ता को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक कार्य से निवृत होकर अपने आराध्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना करके व्रत का उपवास करने का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा अर्चना का विधान है, माघ मास की पुर्णिमा तिथि पर तिल के दान का विशेष महत्व है, सतयुग से लेकर कलयुग तक माघ मास की पूर्णिमा का बहुत महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन देवलोक से देवता भी स्नान करने आते हैं। श्री हरि विष्णु जल में निवास करते हैं इस दिन पूर्णिमा पर चंद्रमा अपने पूर्ण अवस्था में रहता है पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को अति प्रिय है। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने पर भी सुख सौभाग्य अभिव्यक्ति की पूर्ति का योग बनता है। जिन व्यक्तियों को चंद्रमा की महादशा अंतर्दशा व प्रत्यत्ररक्ष दशा का शुभ फल नहीं मिल रहा हो उन्हें चंद्रमा की विशेष पूजा अर्चना करके जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।
सं प्रदीप
वार्ता
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