Saturday, Sep 14 2024 | Time 09:38 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


हरदोई में गर्रा नदी में बाढ़ से 133 गांव हुए प्रभावित

हरदोई 16 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में गर्रा नदी में आई भीषण बाढ़ का असर अब पानी धीरे -धीरे घटने के कारण कम हो रहा है लेकिंन बाढ़ से जिले की चार तहसील के 133 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए है।
बाढ़ के चलते कई जगह से ग्रामीण इलाको को जाने वाली सड़क कट गई है तो स्टेट हाईवे पर भी पानी चल रहा है, 133 गांव में पानी भरने की वजह से करीब 83 स्कूलों को बंद कर दिया गया है। लगभग एक सप्ताह के कुदरत की मार झेल रहे ग्रामीणों को पानी का स्तर घटने से कुछ राहत जरूर मिली है जिन सड़को पर तीन से चार फ़ीट तक पानी चल रहा था वहां कुछ जगह रास्तो से पानी कम हुआ है लेकिन कुछ इलाके अभी भी पानी में डूबे हुए है।
जिलाधकारी मंगला प्रसाद सिंह ने आज बताया कि जनपद हरदोई में गर्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से चार तहसीलों के गांव प्रभावित हुए हैं शाहाबाद, सवायजपुर, हरदोई सदर और बिलग्राम इन चार तहसीलों के कुल 133 गांव प्रभावित हुए है जिनमें 72 गांव ऐसे हैं जिनमें आबादी भी बसती है इन सभी गांव में अब जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है। शाहाबाद के जो 25 गांव थे कल तक 19 गांव से पानी हट चुका था और 6 गांव में रात भर में पानी निकल चुका है अब शाहबाद के सारे गांव क्लीयर हो गए हैं। सवायजपुर और हरदोई जो गर्रा नदी के एक किनारे हरदोई और दूसरे किनारे सवायजपुर है यहां पर जलस्तर धीरे-धीरे घटने लग लगा है कल से आज तक करीब डेढ़ से 2 फीट पानी कम हुआ है ।
बिलग्राम के चार गांव प्रभावित है जो बाढ़ प्रभावित लोग हैं जिनके घरों में पानी चला गया उनको कोई असुविधा न हो इसके लिए लोगों ने उनका दोनों टाइम पके खाने की व्यवस्था कराई इसके अलावा जो शासन से हमें राहत किट दी जाती है उसका भी हमने बंदोबस्त कराया है। लगभग आधे से अधिक परिवारों को हम किट दे चुके हैं बाकी आज और कल तक बटवा देंगे। कोशिश यह है कि किसी भी परिवार को खाने की कोई असुविधा ना हो और साथ ही साथ चिकित्सीय सुविधा भी मुहैया करायी जा रही है।
बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है घरों में पानी पहुंच जाने के कारण लोगों को खुद के रहने खाने पीने और मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध करने में परेशानी आ रही है। तमाम जगहों पर लोग सड़क के किनारे अपनी गृहस्थी रखकर किसी तरह जीवन यापन कर रहे है।
प्रशासन का दावा है की बाढ़ पीड़ितों की मदद 105 शरणालय बनाये गए है जिनमे बाढ़ पीड़ितों को रखा गया है जहां उनके लिए भोजन का इंतजाम किया गया है इसके अलावा किटो का भी वितरण किया जा रहा है जबकि कुछ इलाको में ग्रामीण अभी भी सरकारी दावों को हवा हवाई बता रहे है।
भीषण बाढ़ के चलते शाहाबाद तहसील क्षेत्र में पाली -शाहाबाद मार्ग पर बनी पुलिया पानी के तेज बहाव में बह गई तो 133 गांव में बाढ़ का पानी पहुंचा है जिसकी वजह से 83 प्राथमिक स्कूलों को पानी भर जाने और पानी के कारण रास्ता बंद हो जाने की वजह से बंद कर दिया गया है। हालांकि एक सप्ताह से उफनाई गर्रा नदी की रफ़्तार कुछ कम हुई है और तमाम इलाकि में पानी घटना शुरू हुआ है जिसकी वजह से कुछ जगह पर ग्रामीण मार्ग पर आवागमन शुरू हुआ है किन्तु अभी भी काफी बड़े इलाके में नाव या मोटरबोट के जरिये ही ग्रामीणों का आवागमन हो पा रहा है। आगमपुर गांव में 132 केवी पावर हाउस में पानी निकलने के बाद उससे ग्रामीण इलाको में बत्ती देने के प्रयास किये जा रहे है।
तहसील शाहाबाद और सवायजपुर और सदर तहसील के दर्जनों गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में है और कई गांव में पानी अभी भी भरा है। ऐसे में बाढ़ ग्रस्त इलाके के लोग अपने घरों से सामान निकाल कर सुरक्षित स्थानों और सड़को पर अपना आशियाना बनाए हुए हैं।
सड़क के किनारे अपनी पानी और बरसाती डालकर किसी तरह गुजर बसर कर रहे ग्रामीणों की माने तो कुछ इलाको में सरकारी राहत नहीं पहुंची है वही प्रशासन का दावा है की बाढ़ पीड़ितों के लिए 105 शरणालय खोले गए है जिनमे उनके रुकने और भोजन का प्रबंध है। डीएम के मुताबिक जिस तरह से पानी का स्तर घट रहा है उससे 24 से 48 घंटे में स्थिति सामान्य हो जायेगी उनके मुताबिक भोजन , बाद पीड़ितों को किट जानवरो के चारे के अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी इलाको में मुस्तैदी से लगी है और अब पानी कम होने से बाढ़ पीड़ितों तक सहायता पहुँचने का काम तेज़ी से किया जा रहा है
डॉक्टर की टीम सभी 72 गांव में गठित है सभी गांव में लगातार टीम में जा रही है किसी को सर्दी जुकाम खांसी बुखार पेट दर्द बॉडी पेन या किसी भी प्रकार की कोई साधारण की बीमारी है उसकी दवाई दे रहे हैं साथ ही साथ पेयजल की वजह से गंदा पानी पीने की वजह से जल जनित बीमारियां हो सकती है उसके लिए क्लोरीन की 21000 टैबलेट बटवा चुके हैं साथ ही साथ जो प्रभावित परिवार है गाय बैल भैंस के पशुपालक है जिनके लिए आवश्यकता उनको भूसा भी दे रहे हैं और पशुओं का टीकाकरण भी कर रहे हैं।
सं सोनिया
वार्ता
image