राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 8 2024 8:33PM इटावा : नकली पेसमेकर घोटाले में सप्लाई एजेंट किया गया बरामदइटावा 08 सितम्बर(वार्ता) देश के सबसे चर्चित पेसमेकर घोटाले का जिन्न एक बार फिर से सामने आ गया है। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की सैफई पुलिस में पेसमेकर घोटाले के मामले में नकली पेसमेकर सप्लाई करने वाले सप्लाई एजेंट को गिरफ्तार कर लिया है।इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में हुए पेसमेकर घोटाले के चलते करीब 17 हृदयरोगियों की मौत का मामला सामने आने के बाद पुलिस जांच में कार्डियोलॉजी विभाग में तैनात सहायक प्रोफेसर डॉ.समीर सर्राफ को गिरफ्तार किया गया,अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच गहनता से की जा रही है।नकली पेसमेकर घोटाले के मामले में इन्द्रजीत पुत्र बाढूराम निवासी सी-51 सहकार नगर मसवानपुर थाना कल्यानपुर जनपद कानपुर नगर मूल पता- ग्राम लोहारपुर पोस्ट टन्डवा थाना तरवा जनपद आजमगढ़ को लंबी जांच के बाद गिरफ्तार किया गया है।7 फरवरी 2022 को सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के चिकित्साधीक्षक डा़ॅ आदेश कुमार ने कार्डियोलोजी विभाग सैफईके तत्कालीन असिस्टेन्ट प्रो. डॉ़ समीर सर्राफ के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था । इस मामले में मुख्य आरोपी डॉ़ सर्राफ को 7 नवंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था एवं शेष प्रकाश में आये अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम प्रयासरत थी । इसी कड़ी में इंद्रजीत को गिरफ्तार किया गया । पूछताछ में इंद्रजीत ने बताया गया कि वह कृष्णा हेल्थ केयर जोबायोट्रोनिक कम्पनी में काम करता है जो पेसमेकर की आपूर्ति करती है। उसका कार्य फर्म से पेसमेकर लेकर सम्बन्धित चिकित्सक को उपलब्ध कराना है । वर्ष 2018 से सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डा़ॅ सर्राफ द्वारा मरीजों को नॉन एमआरआई पेसमेकर लगाकर एमआईआई पेसमेकर का मूल्य उसके माध्यम से परिजनों से वसूला गया ।बायोट्रोनिक कम्पनी के एमआरआई पेसमेकर का मूल्य लगभग 2 लाख रूपये तथा नॉनएमआरआई पेसमेकर का मूल्य 80-90 हजार तक होता है । इस वसूली की अधिक धनराशि में से 10 प्रतिशत इंद्रजीत को दिया जाता था। डॉ़ सर्राफ को लगभग 70-80 पेसमेकर उपलब्ध कराये गये हैं ।संसोनियावार्ता