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जगत जननी के स्वागत के लिये सजे मंदिर, घर द्वार

जौनपुर , 01 अक्टूबर (वार्ता) शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा की उपासना के पर्व शारदीय नवरात्र एवं दुर्गा पूजा के लिये मंदिर और घर द्वार सज कर तैयार हैं। तीन अक्टूबर यानी गुरुवार को शुभ मुहुर्त में विधि विधान से कलश की स्थापना के साथ नवरात्र की शुरुआत हो जायेगी।
श्री दुर्गा पूजा महा समिति के अध्यक्ष मनीष देव ने बताया कि शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुघर की साफ-सफाई पूरी करने के बाद कलश स्थापना करेंगे, इसके साथ ही मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का नौ दिवसीय अनुष्ठान भी शुरू हो जाएगा। मान्यता है कि मां भवानी नवरात्रि के नौ दिन पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करती हैं, इस बार शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आई है और विदाई के वक्त मुर्गा पर सवार होकर वापस चली जाएगी।
अपने पहले स्वरूप में मां ‘शैलपुत्री’ के नाम से जानी जाती हैं। नवरात्र के पहले दिन भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त होते हैं। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना में जौनपुर व आसपास के इलाके के लोग सुबह से ही भक्ति में लीन रहते हैं। मंदिरों तथा घरों में कलश स्थापना के साथ देवी दुर्गा की आराधना शुरू कर देते है। इस मौके पर जौनपुर में ऐतिहासिक शक्ति माता शीतला चौकिया धाम के साथ ही सभी देवी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस बार नवरात्रि पर्व बेहद खास है। देवी दुर्गा का आगमन पालकी पर हो रहा है, जो काफी शुभ माना जाता है।
आचार्य डॉ रजनीकांत द्विवेदी ने बताया कि गुरुवार से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन में वेदोक्त मंत्रोच्चार करते हुए कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। इसीलिए इसकी स्थापना शुभ मुहूर्त में करना फलदायी होगा। कलश पूजन से सुख- समृद्धि, धन, वैभव, ऐश्वर्य, शांति, पारिवारिक उन्नति तथा रोग-शोक का नाश होता है। जगत जननी की कृपा एवं सर्वसिद्धि की कामना से उपासक फलाहार या सात्विक अन्न ग्रहण करते हुए दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय के कुल 700 श्लोको का सविधि पाठ करेंगे। इन दस दिवसीय दुर्गा पूजा के अंतर्गत चार रवियोग, दो सिद्ध योग, एक त्रिपुष्कर योग, दो सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग, एक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे है। इनके अलावे प्रीति योग, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, शोभन योग एवं सुकर्मा योग भी विद्यमान रहेगा। नवरात्र के बनने वाले शुभ योगों में नए कामों की शुरुआत करना श्रेष्ठ होगा।
जौनपुर नगर में श्री दुर्गा पूजा महासमिति के तत्वावधान में नगर सहित पूरे जिले में लगभग 1000 अस्थाई पूजा पण्डालों का निर्माण कर मां दुर्गा की पूजा प्रतिमाएं स्थापित कर पूजा की जायेगी , जहां पर भक्तों की भीड़ होती है। रात में जौनपुर नगर को देखने से ऐसा लगता है कि दुर्गा पूजा के लिए कोलकाता ही उठकर जौनपुर चला आया है। पूरी भव्यता के साथ पंडालों की सजावट की गई है और सभी पूजा पंडालों पर ध्वनि विस्तार यन्त्रों से देवी गीत बजाए जाते हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने सभी पूजा पंडालों के आसपास भारी संख्या में पुलिस की व्यवस्था की है। रात के वक्त उन्होंने सादे वर्दी में महिला और पुलिस पुलिस वालों की ड्यूटी लगाई है ताकि अवांछनीय तत्वों पर पूरी तरह नजर रखी जा सके।
इसी तरह जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने भी दुर्गा पूजा को एवं शारदीय नवरात्र को देखते हुए पूरे शहर की सफाई व्यवस्था को सुचार रूप से करने का निर्देश अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद को दिया है। जिलाधिकारी ने बिजली विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वह निश्चित करें कि शाम से लेकर देर रात तक जौनपुर नगर सहित पूरे जिले में कहीं भी बिजली की आपूर्ति बाधित न हो।
सं प्रदीप
वार्ता
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