राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Nov 7 2024 10:14PM अखाड़ा परिषद एक परिवार, परिवार में मतभेद नहीं: रविंद्र पुरीप्रयागराज,07 नवंबर (वार्ता) अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि परिषद एक परिवार की तरह है, और परिवार में कभी मतभेद नहीं होता। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने गुरूवार को कहा कि परिषद एक परिवार की तरह है, और परिवार में कभी मतभेद नहीं होता। परिवार के सदस्य आपस में लड़ते भी हैं और जब जरूरत पड़ती है तो एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एक दूसरे की रक्षा के लिए तत्पर होते हैं। उन्होंने कहा कि परंपरा और नियम हम मनुष्यों द्वारा ही बनाए गए हैं और हम मनुष्य द्वारा ही बदले जाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में अखाड़ा परिषद के दो गुटों के सदस्यों के बीच युद्ध हो हुआ था, लेकिन अब सभी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के निर्देशानुसार चलते हैं, और महाकुंभ में अमृत स्नान के समय जैसा अखाड़ा परिषद द्वारा नियमावली बनाई जाएगी उसी के आधार पर स्नान पर्व को संपन्न किया जाएगा। श्रीमंहत रविंद्र पुरी ने कहा कि इस बार मोक्षदायिनी गंगा संगम क्षेत्र दो हिस्सों में बंट गई है जिसकी वजह से अखाड़े के लिए भूमि भी कम हो गई है, जिसका असर अखाड़े के धार्मिक अनुष्ठानों एवं क्रियाकलापों पर पड़ेगा। मेल प्रशासन द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद भी किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं दिख रही है, जिसके कारण संत समाज खासतौर से अखाड़ा परिषद काफी नाराज है। हम मेला प्रशासन के साथ गंगा पार की भूमि का अवलोकन करते हुए अखाड़ा परिषद द्वारा मांगी गई भूमि का अवलोकन करेंगे, एवं यह निश्चित करेंगे कि पूरे अखाड़ा परिषद को कल्पवास के लिए जितनी जगह की जरूरत है उतनी जगह मिल सके। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी गैर सनातनी या हिंदू संप्रदाय से किसी प्रकार का कोई बैर नहीं है, लेकिन वह लोग जो सनातन समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने का काम कर रहे हैं चाहे वह भोजन में थूक मिला दे या फिर धार्मिक कर्मकांड पर गलत टिप्पणी करें, उनके खिलाफ पूरा संत समाज खड़ा दिखेगा और अखाड़ा परिषद मेला प्रशासन एवं मीडिया के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करता है कि ऐसे लोगों को मेला क्षेत्र में प्रवेश करने न/न दे ताकि किसी प्रकार की कोई धार्मिक दुर्भावना और अशांति का माहौल नहीं बन सके एवं ऐसे लोगों के मिथ्या आडंबर का खुलासा हो सके।दिनेश प्रदीपवार्ता