राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Nov 7 2024 10:14PM दानघाटी मन्दिर में बही श्रद्धा, भक्ति और समर्पण की त्रिवेणीमथुरा 7 नवंबर (वार्ता) अनूठे छप्पन भोग के अवसर पर गोवर्धन के सबसे मशहूर दानघाटी मन्दिर में गुरुवार कों गिर्राज महराज का मनमोहक श्रंगार श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना रहा। गिर्राज जी के भक्त एवं सेवायत आचार्य अपनी रूचि के अनुसार ठाकुर का अच्छे से अच्छा श्रंगार करने का प्रयास करते हैं मगर आज का श्रंगार अद्भुत था। काॅकरेट की कलियों, विदेशी घास, हीरा, माणिक, पन्ना और मोती का ठाकुर के श्रंगार में समावेश जहां गर्भगृह को दिव्य और भव्य बना रहा था। ठाकुर के विगृह में गुलाब के इत्र की,मालिश से फैल रही सुगन्ध वातावरण में चार चांद लगा रही थी।ठाकुर के इस अद्भुत श्रंगार में बिजली की रोशनी से जवाहरात देदीप्यमान हो रहे थे। इस सुन्दर वातावरण में भावपूर्ण और शुचिता से तैयार किया गया ठाकुर को अर्पित छप्पन भोग सेवायत पवन कौशिक का जहां ठाकुर के प्रति हृदय से समर्पण व्यक्त कर रहा था वहीं शुद्ध घी से तैयार किये गए व्यंजन सेवायत के भाव ’’तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा’’ केा व्यक्त कर रहे थे ।ऐसे ही वातावरण में ठाकुर को अपलक निहारती मध्य प्रदेश से आई निशा और उनकी बेटी राखी के मुंह से अचानक निकल पड़ा ’’’छटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महराज’। आस्था,सौंदर्य और भक्ति के इस अनूठे संगम में आज मन्दिर के जगमोहन से भक्तों को हटाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को भारी प्रयास करना पड़ा क्योंकि जो मन्दिर के अन्दर आता ठाकुर अनूठी छवि और अर्पित किये जा रहे भोगा को अपलक निहारता रहता और हटने का नाम न लेता ।ऐसे में सुरक्षाकर्मियों द्वारा भीड़ को कम करने के प्रयास के दौरान भक्त जाते जाते कह हो थे ’’मेरी लगी श्याम संग प्रीति ये दुनिया क्या जाने’’।कुल मिलाकर आज गोवर्धन के दानघाटी मन्दिर में श्रद्धा, भक्ति और समर्पण की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही थी।सं प्रदीपवार्ता