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उत्तर प्रदेश एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में उभर रहा है

लखनऊ, 12 नवंबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश लगातार एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है, जिसमें युवा प्रतिभाओं को पोषित करने और विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि पिछले साढ़े सात वर्षों में राज्य सरकार ने खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में 18,000 से अधिक खेल के मैदान स्थापित किए गए हैं, जो युवा एथलीटों को अपने कौशल को निखारने के अवसर प्रदान करते हैं।”
योगी सरकार की खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता सभी 57,000 ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान और ओपन जिम बनाने, 826 विकास खंडों में से प्रत्येक में मिनी स्टेडियम और हर जिले में अच्छी तरह से सुसज्जित स्टेडियम बनाने की महत्वाकांक्षी योजनाओं पूरी राज्य में फैली हुई है। राज्य सरकार की व्यापक दृष्टिकोण का उद्देश्य एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, यह सुनिश्चित करना कि राज्य के सभी कोनों से महत्वाकांक्षी एथलीटों को शीर्ष-स्तरीय सुविधाओं और उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने के लिए एक मंच मिल सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में खेल के माहौल में काफी सुधार हुआ है। खिलाड़ियों के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ मिलकर काम कर रही योगी सरकार ने पिछले साढ़े सात वर्षों में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों की मदद के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए हैं।
नतीजतन, राज्य में विश्वविद्यालय स्तर की लीग और गांव स्तर की खेल प्रतियोगिताएं शुरू हुई हैं, जिससे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के अवसर मिल रहे हैं। इसके अलावा, राज्य भर में खेलों को और बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में अब 84 स्टेडियम, 67 बहुउद्देश्यीय हॉल, 38 स्विमिंग पूल, 15 सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम और तीन सिंथेटिक रनिंग ट्रैक हैं। इसके अलावा, राज्य ने दो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 16 छात्रावास, 47 अत्याधुनिक जिम, 20 सिंथेटिक टेनिस कोर्ट और खिलाड़ियों के लिए 19 छात्रावास स्थापित किए हैं। इसके अलावा, राज्य भर में दो जूडो हॉल, 13 कुश्ती हॉल, छह शूटिंग रेंज, दो इनडोर वॉलीबॉल कोर्ट, 12 भारोत्तोलन हॉल और 14 सिंथेटिक बास्केटबॉल कोर्ट का निर्माण पूरा हो चुका है।
राज्य सरकार खेलों को और बढ़ावा देने तथा खिलाड़ियों को सहयोग देने के लिए बड़े लक्ष्यों को ध्यान में रखकर काम कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल अवसंरचना के निर्माण और उन्नयन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता न केवल खिलाड़ियों को सशक्त बना रही है, बल्कि सामुदायिक कल्याण को बढ़ावा देते हुए शहरी-ग्रामीण विभाजन को भी पाट रही है। खिलाड़ियों के लिए गांव स्तर पर खेल संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में नई प्रतिभाओं को सामने लाने में मदद मिल रही है। इसके अतिरिक्त, मनरेगा योजना के तहत इन मैदानों के निर्माण से श्रमिकों को निरंतर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य गांवों में स्कूली बच्चों और अन्य समुदाय के सदस्यों के बीच खेलों को प्रोत्साहित करना, बेहतर स्वास्थ्य और समग्र सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना है।
सूत्राें के मुताबिक ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विकसित कार्य योजना के तहत 2017-18 की अवधि से अब तक उत्तर प्रदेश में 18,000 से अधिक खेल के मैदान बनाए गए हैं। राज्य में 2017 से ही खेल के मैदानों का निर्माण जारी है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2,700 से अधिक नए खेल के मैदान पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं और 15,000 से अधिक अतिरिक्त खेल के मैदानों पर काम चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदानों के विकास से युवाओं की खेलों में रुचि काफी बढ़ी है। यह पहल न केवल शारीरिक फिटनेस को बढ़ा रही है, बल्कि युवाओं के समग्र विकास में भी योगदान दे रही है।
इन खेल के मैदानों में रनिंग ट्रैक शामिल होने से युवाओं को अपने गांवों में ही सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य प्रतिस्पर्धी सेवाओं के लिए प्रशिक्षण लेने में मदद मिली है। खेल बुनियादी ढांचे के विकास से युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण में मदद मिल रही है, जिससे उनकी ताकत और सहनशक्ति बढ़ रही है।
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