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केन्द्र सरकार प्रदेश सरकार को किला दान दे: अखिलेश

केन्द्र सरकार प्रदेश सरकार को किला दान दे: अखिलेश

कुम्भनगर, 27 जनवरी (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह उत्तर प्रदेश सरकार को तीर्थराज प्रयाग में संगम तट का किला ‘दान’ कर दे।

श्री यादव रविवार को झूंसी स्थित निरंजनी अखाड़े में अखाडा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी से मुलाकात की। कुम्भ त्याग और दान की बात करता है। इसके अलावा यहां से अनुभव और प्रेरणा भी मिलती यहां पर साधु संतो से आशीर्वाद

लेने का लोगों को सुअवसर मिलता है।

उन्होंने कहा कि सम्राट हर्षवर्धन ने दान की हजारों साल पहले जो परंपरा बनायी थी, वह आज भी कायम है। उनका योगदान और उनके द्वारा बढाई गई परंपरा जारी है। उन्होंने कहा कि दान और त्याग का मुकाबला नहीं किया जा सकता। जितना बड़ा त्याग है उतना ही महत्व दान का भी है। उन्होंने कहा कि सम्राट हर्ष वर्धन यहां आते थे और अपना सर्वस्व दान कर चले जाते थे। केन्द्र सरकार को संगम किनारे बना किला प्रदेश सरकार को ‘दान’ दे देना चाहिए।

श्री यादव ने कहा कि संगम तट पर स्थित किले में सेना के संरक्षण में बंद वट वृक्ष का लोगों को दर्शन करने का मौका मिलेगा। गंगा और यमुना तो हमें दिखायी पडती हैं जबकि सरस्वती का दर्शन नहीं होता। वह किले में कैद हैं। शायद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग उसे ढूंढ़ेगें। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरस्वती नदी की खोज का वादा किया था। अगर सरस्वती नदी मिल जाएं तो श्रद्धालुओं को उनका भी दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार को “ किला” का एक बड़ा दान दे दे।

उन्होंने कहा कि नदियां साफ हो इसके लिए और काम करना पड़ेगा। नदियां हमारी सभ्यता हैं। नदियों के किनारे ही सभ्यताएं पनपी हैं।“यह मेरा सौभाग्य है, कार्य करने का क्षेत्र गंगा का किनारा है और जन्म लिया यमुना नदी किनारे के शहर में।” यमुना की कैसी दुर्दशा है, इसको कैसे साफ की जाए यह भी एक प्रशन है। हम चाहेंगे कि गंगा साफ बहे। “मैं कह सकता हूं समाजवादियों ने सफाई को लेकर जो गोमती और वरूणा में काम शुरू किया था अगर शहर-शहर में उसी तरह काम किया जाए जिस प्रकार गंगा पहले अविरल और निर्मल थी, पुन: उसी प्रकार हो जायेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा,“ अर्द्ध कुम्भ का नाम बदल जाए, और उसके किनारे कैबिनेट बैठ जाए तो क्या लाभ। अगर देश का किसान खुशहाल न हो, नौजवानों को रोजगार न मिले, सब बात अधूरी रह जाती है।

देश की जनता ने बहुत भरोसे के साथ भाजपा को सत्ता की बागडोर सौंपी थी। उसने जनता के विश्वास को छला है। न लोगों के अच्छे दिन बहुरे, न 15 लाख मिले, न नौकरी आयी और न ही जीएसटी से व्यापार बढ़ा। उन्होंने जनता को विश्वास दिलाया कि सपा को सत्ता में लाइये और देखिए काम कैसा होता है।

चुनाव में सपा की जीत पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी ने कहा “ मेरा पूरा आशीर्वाद है।” उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा,“ इनके आगे कुछ न कहिए, यह इसकी काट निकाल लेंगे।”

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