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तनाव से भरे योगी को निश्चलानंद से दिया मुस्कराने का मौका

तनाव से भरे योगी को निश्चलानंद से दिया मुस्कराने का मौका

 


कुंभनगर 31 जनवरी (वार्ता) अयोध्या मेें विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर का शिलान्यास करने के ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की घोषणा से तनाव महसूस कर रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद से मिलने के बाद राहत महसूस की।



      दरअसल, ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बुधवार को परम धर्म संसद में एेलान किया था कि साधू संत प्रयागराज से सीधे अयोध्या जाएंगे और 21 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम होगा। ज्योतिष पीठाधीश्वर ने पारित परम धर्मादेश में हिंदू समाज से बसंत पंचमी के बाद प्रयागराज से अयोध्या के लिए प्रस्थान करने का आह्वान करते हुये कहा था कि अगर अयोध्या में एकत्रित हुए लोगों को गोलियों को सामना करना पड़ेगा तो भी कदम पीछे नहीं हटेंगे।

       स्वामी स्वरूपानंद की घोषणा से तनाव में आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बगैर किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के गुरूवार को कुंभनगरी पहुंचे और पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद से मिले। मंदिर निर्माण को लेकर सरकार की वचन बद्धता का इजहार करते हुये उन्हाेने संत से कहा कि चूंकि आस्था से जुड़ा यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिये सरकार के हाथ बंधे हुये हैं।



     उन्हाने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का रवैया संत समाज के पक्ष में है। यह संवेदनशील मसला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायपालिका की गरिमा और संविधान की मर्यादा बरकरार रखने के लिये सरकार कृतसंकल्पित है। सरकार इस मामले में न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेगी।

श्री योगी ने शंकराचार्य से कहा कि इस मामले का शीघ्र और अनुकूल निर्णय मिलने की संभावना क्षीण है। सरकार ने न्यायालय की सुविधा के लिये दस हजार पृष्ठों की सामग्री का अंग्रेजी अनुवाद करके उपलब्ध कराया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय पुरातत्व विभाग द्वारा विवादित स्थल के आसपास कराये गये खनन में भी मंदिर के अवशेष मिले थे। इस लिये देर से ही सही मगर अदालत के फैसले से संत और हिन्दू समाज निराश नहीं होगा।

       बाद में स्वामी निश्चलानंद ने पत्रकारों से बातचीत में राम मंदिर मसले पर सभी संतो और हिन्दू संगठनों से एकजुटता बनाये रखने की अपील करते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के प्रति नरम रूख का इजहार किया। इस मुलाकात के बाद श्री योगी मुस्कराते हुये बाहर निकले और पत्रकारों से बातचीत किये बिना चले गये।

       श्री योगी ने बाद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास और स्वामी देशानंद महाराज से अलग अलग मुलाकात कर राम मंदिर निर्माण के बारे में उन्हे सरकार की मंशा से अवगत कराया।

     विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की आज शुरू हुयी धर्म संसद में तीन हजार से अधिक साधु संत और धर्माचार्यो के अलावा हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर समेत संत समाज से जुड़े कई अन्य प्रस्ताव पारित किये जा सकते हैं।

दिनेश/प्रदीप

वार्ता

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