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वसंत पंचमी पर नागा साधुओं ने लगायी संगम में आस्था की डुबकी

वसंत पंचमी पर नागा साधुओं ने लगायी संगम में आस्था की डुबकी

कुंभ नगर, 10 फरवरी (वार्ता) आस्था के कुंभ में हाथों में तलवार और त्रिशूल और होठों पर हर-हर महादेव के नारे लगाते भस्म से आच्छादित नागा साधुओं ने वसंत पंचमी पर्व पर रविवार को यहां पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त:सलिला सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई।

वसंत पंचमी पर सनातन धर्म का ध्वज चारों ओर फहर रहा था। अखाड़ों के संतों के साथ त्रिवेणी में आस्था का गोता लगाकर श्रद्धालु खुद को धन्य महसूस कर रहे थे। पवित्र संगम में ऐसा दिव्य और भव्य कुंभ शायद पहले नहीं देखा गया था। बाल सुलभ क्रीड़ा करते नागा साधुओं के अविस्मरणीय स्नान के दृश्य को दूर खड़े श्रद्धालु निहारते हुये अपनी नजरों में समाहित कर लेना चाह रहे थे।

संगम पर त्रिवेणी स्नान के बाद बाहर निकल कर गीले शरीर पर नागा संन्यासी भस्म लपेट रहे थे। सैकड़ों कैमरे उनकी गतिविधियों को कैद कर रहे थे। भीड़ में नागा संन्यासियों का श्रद्धालुओं ने दौड़कर पैर छूने का प्रयास किया जिसका उन्होंने गुस्से से विरोध किया जबकि कुछ ने श्रद्धालुओं को अपने पास आने दिया।

संगम तट पर स्नान के दौरान कुछ ऐसा ही दृश्य दिखाई दिया। शैव अखाड़ों के नागा साधुओं का जोश और उत्साह, हाथों में पकड़े दंड वहां मौजूद श्रद्धालुओं को भक्ति भाव से भर रहा था। जैसे ही नागा सन्यासियों की फौज संगम क्षेत्र में पहुंची, दोनों छोरों पर मौजूद श्रद्धालु उनकी एक झलक पाने के लिए लालायित हो गए।

सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के नागाओं ने संगम में स्नान करने से पहले नदियों को प्रणाम किया। गंगा की गोद में अठखेलियां करने के बाद बाहर निकल कर शरीर पर भस्म लगाया और इसके बाद अपने शिविर की ओर कूच कर गये। भस्म शायद कड़कड़ाती ठंड को नियंत्रित करने में सहायक होती है लेकिन कुछ नागा संन्यासी आस्था का गोता लगाने के बाद बाहर निकलने पर ठंड से कांप रहे थे।

संगम पर नागा संन्यासियों के स्नान का यह नजारा काफी देर तक दिखाई दिया। लोगों में इस बात की होड़ थी कि कैसे नागा संन्यासियों के स्नान के ठीक बाद पवित्र त्रिवेणी में स्नान कर वे भी पुण्य का लाभ ले सकें।

दिनेश विश्वजीत

वार्ता

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