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एनएबी ने शरीफ से संबंधित मामलों को दूसरी अदालत में भेजने का किया विरोध

इस्लामाबाद 07 अगस्त (वार्ता) पाकिस्तान की शीर्ष भ्रष्टाचार विरोधी संगठन राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ दो लंबित मामलों की सुनवाई उसी अदालत में होनी चाहिए जिसमें पिछले महीने एवेनफील्ड संपत्ति मामले में उनके, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद सेवानिवृत्त कैप्टन मुहम्मद सफदर को दोषी ठहराया था।
एनएबी के अतिरिक्त डिप्टी अभियोजक जनरल सरदार मुजफ्फर अब्बासी ने दोनों मामलों को स्थानांतरित करने के लिए शरीफ की याचिका पर सुनवाई करने वाले इस्लामाबाद हाईकोर्ट की खंड पीठ के समक्ष कहा कि न्यायाधीश मोहम्मद बशीर इस्लामाबाद की अधीनस्थ न्यायपालिका में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। चूंकि न्यायाधीश बशीर ने 10 महीनों के दौरान शरीफ के खिलाफ तीन मामलों की सुनवाई की है। न्याय के हित में मामलों को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित नहीं करना चाहिए।
एनएबी अभियोजक ने तर्क दिया कि लंबित मामलों में समानता के बावजूद सुनवाई करने वाले न्यायाधीश को बदलना नहीं चाहिए।
एनएबी ने पिछले वर्ष सितंबर में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में इन मामलों को दायर किया था।
न्यायाधीश बशीर को इन मामलों को सौंपा गया था जो वर्ष 2012 से जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश के रूप में काम कर रहे हैं। उन्हें तीन वर्षों के लिए न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन वर्ष 2015 में उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था।
मार्च 2018 में दूसरा कार्यकाल पूरा होने के बाद मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनका कार्यकाल तीन वर्ष के लिए फिर से बढ़ा दिया गया था।
न्यायाधीश बशीर ने 6 जुलाई को एवेनफील्ड मामले में नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद सफदर को दोषी ठहराया था और उन्हें क्रमश: 10, सात और एक वर्ष की सजा सुनाई गयी थी। इसके अलावा उनपर भारी जुर्माना लगाया गया था और उन्हें 10 साल के लिए सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य घोषित किया गया था।
श्री शरीफ और मरियम और दामाद सफदर के वकीलों ने न्यायालय के फैसले को चुनौती दी और मामले को अन्य न्यायाधीश की अदालत में स्थानांतरित करने की अपील की।
प्रियंका, उप्रेती
वार्ता
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