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दुनिया


उल्लेखनीय है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे के कारण ईरान की मुद्रा रियाल में अप्रैल माह से ही लगातार गिरावट देखी जा रही है। अपनी बचत की रक्षा करने के लिए ईरानी लोगों के बीच डॉलर की मांग काफी बढ़ गयी है। बढ़ी हुयी कीमतों के अलावा मुनाफाखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं।
ईरान के केन्द्रीय बैंक और न्यायपालिका ने मुद्रा में लगातार गिरावट के लिए कथित दुश्मनों को जिम्मेदार ठहराया है। न्यायपालिका के मुताबिक केन्द्रीय बैंक के एक पूर्व अधिकारी समेत 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
न्यायपालिका ने देश में बढ़ती हुयी अशांति को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका और इजरायल के अलावा अपने चिरप्रतिद्वंदी सऊदी अरब को जिम्मेदार ठहराया है।
अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी तल्ख हुए हैं। मई में श्री ट्रम्प ने इस अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक ईरान पर नये प्रतिबद्ध लगाये जाने के कारण उसका सोने तथा अन्य महत्वपूर्ण धातुओं के अलावा ग्रेफाइट, एल्यूमीनियम, स्टील और कोयले से संबंधित व्यापार भी प्रभावित होगा। अमेरिकी प्रतिबंधों का असर ईरान की ओद्यौगिक प्रक्रियाओं में काम आने वाले साॅफ्टवेयर पर भी होगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी।
रवि
रायटर
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अमेरिका इज्जत बचाने के लिए गाजा युद्धविराम पर यूएनएससी प्रस्ताव अपनाने पर हुआ सहमत: लावरोव

अमेरिका इज्जत बचाने के लिए गाजा युद्धविराम पर यूएनएससी प्रस्ताव अपनाने पर हुआ सहमत: लावरोव

29 Mar 2024 | 6:19 PM

मॉस्को, 29 मार्च (वार्ता) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि अमेरिका ने अपनी इज्जत बचाने के लिए गाजा पट्टी में युद्धविराम पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का विरोध नहीं किया, लेकिन उसने प्रस्ताव को गैर-बाध्यकारी घोषित करके गाजा में कार्रवाई के लिए इजरायल को और आजादी दे दी है।

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