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दुनिया


हिन्दी को उचित सम्मान दिलाने के संकल्प के साथ विश्व हिन्दी सम्मेलन का समापन

मॉरीशस 20 अगस्त (वार्ता) हिन्दी को विश्व के अग्रणी भाषाओं में उचित सम्मान दिलाने और संयुक्त राष्ट्र संघ से आधिकारिक भाषा के तौर पर स्थापित कराने के संकल्प के साथ 11वें हिन्दी विश्व सम्मेलन ने अपना आखिरी पड़ाव पार कर लिया।
लगभग दो हजार हिन्दी विद्वानों के बीच स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र में तीन दिनों तक चले मंथन में हिन्दी के अबतक के विश्वव्यापी सफर पर संतोष व्यक्त किया गया और उसे जन-जन की भाषा बनाने के लिए सामूहिक प्रयास निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया गया। सम्मेलन के दौरान हिन्दी के प्रसार के लिए कई अनुशंसाएं की गयी। तकनीक के माध्यम से हिंदी के विकास को लेकर कई सुझाव आए जिसमें हिंदी से जुड़े सॉफ्टवेयर को लांच करने और इसके लिए टेक कंपनियों से बातचीत करने की अनुशंसा की गई। साथ ही हिंदी शब्दों के विस्तार के लिए सॉफ्टवेयर की मदद से 10 हज़ार शब्दों की ऑनलाइन शब्दकोष बनाने की अनुशंसा भी की गयी। हिंदी में तकनीक को बढ़ाने के उद्देश्य से शोध के लिए और फंड देने की अनुशंसा की गई।
सम्मेलन के दौरान अमेरिका में भाषा और संस्कृति के प्रसार के लिए किये गये प्रयासों के अनुरूप दूसरे देशों में भी ऐसा ही प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। भारतीय भाषा के लिए एक मापदंड बनाने पर भी सहमति बनी। भाषा को संस्कृति से जोड़ने के लिए सभी देशों में रामायण और रामचरित मानस के पाठन की अनुशंसा की गई। प्रवासी भारतीयों के बीच भाषा के विकास के लिए युवाओं से अधिक से अधिक संवाद करने के लिए बहुआयामी प्लेटफार्म बनाने की भी अनुशंसा की गई।
शिवा उपाध्याय सतीश
जारी वार्ता
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