दुनियाPosted at: Aug 23 2018 11:27PM आईसीजे पूर्व नौसैनिक अधिकारी जाधव के मामले की सुनवाई फरवरी 2019 में करेगा।पाकिस्तान ने कई बार के आग्रह के बावजूद वर्ष 2016-17 में भारतीय राजनयिकों को भी श्री जाधव से मिलने की अनुमति नहीं दी थी। पड़ोसी देश ने यह कहकर आग्रह को ठुकरा दिया था कि श्री जाधव जासूस हैं इसलिए वह इसकी अनुमति नहीं दे सकता।भारत का कहना है कि नौसेना से सेवा निवृत्त होने के बाद श्री जाधव अपने व्यापार के काम से ईरान गये थे और पाकिस्तान ने उनका वहां से अपहरण कर लिया जबकि पाकिस्तान ने कहा है कि उसके सुरक्षाबलों ने मार्च 2016 में श्री जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। श्री जाधव ईरान के रास्ते पाकिस्तान में घुसने की कोशिश कर रहे थे।कई चरण की अनौपचारिक बातचीत और राजनयिक स्तर पर कशमकश के बाद पाकिस्तान ने श्री जाधव को उनकी पत्नी और मां से मिलने की अनुमित तो दी ,लेकिन उनकी मुलाकात आमने-सामने की नहीं करवाई। श्री जाधव और उनके परिजनाें के बीच ‘शीशे की दीवार’ थी। उनकी फोन पर बातचीत करवायी गयी और उसे रिकॉर्ड भी किया गया। पाकिस्तान के इस कदम की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुयी थी। आशा वार्ता