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दुनिया


ईरान में शिक्षा मंत्री के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव, रोहानी पर दबाव

तेहरान 29 अगस्त (रायटर) ईरान के 20 सांसदों ने शिक्षा प्रणाली में सुधार और स्कूलों के पुनरुद्धार में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए बुधवार को शिक्षा मंत्री मोहम्मद बाथेई के खिलाफ महाभियोग की प्रकिया शुरू करने संबंधी एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए ।
इस घटना को राष्ट्रपति हसन रोहानी पर दबाव के तौर पर देखा जा रहा है जो पहले से ही अमेरिका की ओर से लगाये गये आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर संसद के निशाने पर हैं।
महाभियोग चलाने की यह प्रकिया ऐसे समय की गयी है जब तीन ही दिन पहले वित्त और आर्थिक मामलों के मंत्री को रियाल मुद्रा में लगातार आ रही गिरावट और बढ़ती बेरोजगारी पर अंकुश नहीं लगा पाने की नाकामी के चलते बर्खास्त कर दिया गया था। इससे कुछ हफ्ते पहले श्रम मंत्री को बर्खास्त किया गया था।
संवाद समिति इरना के मुताबिक 20 सांसदों ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए एक प्रस्ताव पर बुधवार को हस्ताक्षर किए। उन्हें अगले 10 दिनों में संसद में आकर कुछ सवालों का जवाब देना होगा और यदि सांसद उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर मतदान के बाद उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है।
इसके अलावा 70 सांसदों ने खनन, उद्याेग और व्यापार मामलों के मंत्री के खिलाफ महाभियोग की प्रकिया की प्रकिया के लिए ऐसे एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी किए हैं।
गौरतलब है कि जून में ईरान से संबद्ध परमाणु समझौते से अमेरिका के पीछे हटने और इसी माह ईरान पर लगाए गए अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों के चलते उनकी काफी किरकिरी हो रही है। इसके अलावा नवंबर माह से ईरान के खिलाफ तेल निर्यात तथा बैंकिंग सेक्टर मेें भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
ईरानी संसद मंगलवार को श्री रोहानी के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई थी और अब इस मामले को न्यायपालिका के पास भेजा जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया करते हुए संसद के स्पीकर अली लारिजानी ने कहा कि कानूनी रूप से यह व्यावहारिक नहीं है।
तसनीम संवाद समिति ने संसद के शीर्ष सदस्य के हवाले से बताया कि सांसदों के इस अधिकार को लेेकर संशय बना हुअा है कि राष्ट्रपति को संसद में बुलाने के बाद क्या वह उनके खिलाफ कोई मामला न्यायपालिका को भेज सकते हैं या नहीं।
ईरान में इस समय बेरोजगारी की दर 12 प्रतिशत है और युवा वर्ग में यह दर 25 प्रतिशत है । देश की मुद्रा में भी पिछले एक वर्ष में दो तिहाई से अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
जितेन्द्र.श्रवण
रायटर
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