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श्री मोदी ने प्रवासी समुदाय के साथ भारत में होने वाले बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें ये जानकर गर्व होगा कि जनधन, आधार और मोबाइल, की त्रिशक्ति से भारत में जैसी पारदर्शिता आई है, उससे अब दुनिया के दूसरे विकासशील देश भी प्रेरित हो रहे हैं। भारत में विकसित इस प्रणाली का अध्ययन किया जा रहा है। इसके अलावा डिजीटल वित्तीय लेनदेन की हमारी आधुनिक व्यवस्था, जैसे भीम ऐप और रूपे कार्ड को लेकर भी दुनिया के अनेक देशों में उत्सुकता है।
उन्होंने कहा कि जापान भी अब कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने का प्रयास कर रहा है। भारत आज इस दिशा में बहुत आगे निकल चुका है। बीते चार वर्षों के दौरान ही यूपीअाई, भीम और दूसरे डिजीटल प्लेटफॉर्म के माध्यमों से डिजिटल लेनदेन में करीब-करीब सात गुना की बढोतरी हुई है। वहीं वित्तीय समावेशन को भारत अगले स्तर पर ले जा रहा है और गांव-गांव तक डाकघरों के माध्यम से वित्तीय सेवाओं की होम डिलिवरी की जा रही है। डाकिया बैंकर बन रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत डिजीटल ढांचागत सुविधा के मामले में अभूतपूर्व तरक्की कर रहा है। गांव-गांव तक ब्रॉड बैण्ड कनेक्टविटी पहुंच रही है और सौ करोड़ से भी अधिक मोबाइल फोन आज भारत में सक्रिय हैं। कभी कभी कहा जाता है कि भारत की जनसँख्या से ज्यादा मोबाइल फ़ोन हैं भारत में एक जीबी डेटा कोल्ड ड्रिंक की छोटी से छोटी बोतल से भी सस्ता है। यही सस्ता डेटा आज सर्विस डिलिवरी का प्रभावी माध्यम बन रहा है। उन्होंने कहा कि वहीं मेक इन इंडिया आज वैश्विक ब्राण्ड बनकर उभरा है। आज हम ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए बेहतरीन उत्पाद बना रहे हैं। विशेषतौर पर इलैक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल्स विनिर्माण में भारत वैश्विक हब बनता जा रहा है। माेबाइल फोन विनिर्माण में तो भारत नंबर एक बनने की आेर अग्रसर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी सफलता के पीछे वो माहौल है जो बीते चार वर्षों में बिजनेस के लिए बना है। कारोबारी सुगमता की रैंकिंग में भारत ने 40 अंकों से अधिक की छलांग लगाई है। वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा रैंकिंग में हमने इस वर्ष भी पांच पायदान का सुधार किया है। वहीं नवान्वेषण के मामले में तो आज हम दुनिया के अग्रणी देशों की सूची में शामिल हो चुके हैं। यही कारण है कि भारत स्टार्ट अप के मामले में दूसरा बड़ा ईकोसिस्टम बना है। भारत में हो रहे नवान्वेषण और समाधान सस्ते तो हैं ही गुणवत्ता के मामले में भी उत्तम हैं।
उन्होंने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम इसका बेहतरीन उदाहरण है। भारत दुनिया के अनेक देशों, निजी कंपनियों के उपग्रह बहुत ही कम खर्च पर आज अंतरिक्ष में भेज रहा है। पिछले वर्ष ही हमारे वैज्ञानिकों ने एक साथ सौ से अधिक उपग्रह प्रक्षेपित करने का अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया था। देश ने बहुत ही कम खर्च में चंद्रयान और मंगलयान अंतरिक्ष में भेजा था अब 2022 तक भारत गगनयान भेजने की तैयारी में जुटा है। ये गगनयान पूरी तरह से भारतीय होगा और इसमें अंतरिक्ष जाने वाला भी भारतीय होगा।
उन्होंने कहा कि भारत में आज जम़ीन से लेकर अंतरिक्ष तक ऐसे अनेक परिवर्तन हो रहे हैं। इन्हीं परिवर्तनों के चलते वह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। इन्हीं बदलावों को देखते हुए दुनिया की तमाम एजेंसियां कह रही हैं कि आने वाले दशक में दुनिया की प्रगति को भारत संचालित करेगा। उन्होंने कहा कि भारत की इस प्रगति यात्रा में जापान का आप सभी का भी बहुत बड़ा योगदान रहने वाला है। बुलेट ट्रेन से लेकर स्मार्ट सिटी तक आज जो नये भारत का नया ढांचा तैयार हो रहा है उसमें जापान की भागीदारी है। भारत के श्रमबल, भारत के युवा बल को भी जापान के कौशल का लाभ मिल रहा है।
सचिन जितेन्द्र
जारी वार्ता
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