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दुनिया


आशिया बीबी रिहाई: सरकार प्रदर्शनकारियों से करेगी चर्चा

इस्लामाबाद 01 नवंबर (वार्ता) पाकिस्तान सरकार ने आसिया बीबी की रिहाई के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन को देखते हुए प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया है।
सरकार ने इस संदर्भ में पांच सदस्यों की समिति गठित की है। समिति में मंत्री फवाद चौधरी, शाह मेहमूद कुरेशी, शहरयार अफ्रीदी, नूर-उल-हक कादरी ओर मेहबूब सुल्तान शामिल है।
इस बीच राजधानी इस्लामाबाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियां चलायी जिसमें कम से कम तीन प्रदर्शनकारी घायल हो गये। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार ऑल पाकिस्तान प्राइवेट स्कूल फेडरेशन ने देश में सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर शुक्रवार को देश के सभी निजी स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है।
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र को अपने संबोधन में कहा था कि सरकार ज्यादा समय तक इस तरह के प्रदर्शनों को सहन नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, “ हम किसी को भी कोई नुकसान पहुंचाने नहीं देंगे।”
पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ईश निंदा की आरोपी आसिया बीबी को रिहाई के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के परिप्रेक्ष्य में श्री खान के राष्ट्र को संबोधन के दौरान उनके रूख में काफी आक्रामकता नजर आने पर उनकी कड़ी आलोचना की।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता खुर्शीद शाह ने कहा कि देश में इस समय जिस तरह अशांति का माहौल है , उस स्थिति में प्रधानमंत्री का बुधवार को संसद छोड़कर जाना निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जिस समय राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे , उस दौरान उनकी भाव-भंगिमा ‘आक्रामक’ थी।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता साद रफीक ने कहा राष्ट्रीय संस्थानों के खिलाफ इस तरह की आवाज उठना और टिप्पणियां तथा धमकियां अस्वीकार्य हैं और उनकी पार्टी इस पर किसी तरह का राजनीतिक फायदा नहीं उठाना चाहती।
आसिया बीबी ईश निंदा के आरोप में पिछले आठ वर्षों से जेल में बंद थी और उसकी रिहाई के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गये, जिससे उन पर अभी भी कट्टरपंथियों की ओर से जान का खतरा मंडरा रहा है। इससे पहले पाकिस्तान के दक्षिणपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) ने कार्यकर्ताओं ने लाहौर में पंजाब विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया जबकि कराची में भी सड़कों को जाम किया।
टीएलपी के प्रमुख अफजल कादरी ने यहां तक कहा कि पाकिस्तान की न्याय प्रणाली ने ईश निंदा आरोपी आसिया बीबी के लिए स्वत: मौत की सजा का प्रावधान रखा था। उसको मौत की सजा का फैसला सुनाने वाले अब तीनों न्यायाधीश इसके जिम्मेदार होंगे।
ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाली खेतीहर मजदूर आसिया को अब अपने ही देश में बड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उसे अब एक नया जीवन शुरू करने के लिए एक नयी पहचान और अपने पति तथा बच्चों के साथ पाकिस्तान से बाहर जाना होगा। इसके बावजूद उस पर हत्या का खतरा हमेशा मंडराता रहेगा और उसे इसी डर के साये में जिंदगी बितानी होगी। आसिया और उसके परिवार को ही नहीं बल्कि उसको मृत्युदंड की सजा से बरी करने का फैसला सुनाने वाले तीनों न्यायाधीशों की जिंदगी को भी कट्टरपंथियों से खतरा है। कट्टरपंथियों के डर से ही न्यायाधीशों ने आसिया की रिहाई का फैसला लेने का निर्णय तीन सप्ताह बाद सुनाया।
उप्रेती टंडन
वार्ता
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