दुनियाPosted at: Nov 10 2018 11:49PM श्रीलंका में संसद भंग करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी यूएनपीकोलंबो 10 नवंबर (वार्ता) श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने शनिवार को कहा कि वह राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के संसद को भंग करने के फैसले के खिलाफ अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी। यूएनपी के सांसद मंगला समरवीरा ने राष्ट्रपति द्वारा संसद को भंग करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ एक याचिका दायर करेगी। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक यूएनपी के सांसदों ने चुनाव आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिया से मुलाकात कर उनसे लोकतंत्र को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है। श्री सिरीसेना ने संसद को भंग कर नए सिरे से पांच जनवरी को चुनाव कराने की घोषणा की है। उन्होंने यह फैसला यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस(यूपीएफए) गठबंधन द्वारा शुक्रवार को सदन में आवश्यक बहुमत जुटाने में असमर्थता जताने के बाद लिया। संसदीय चुनाव कराने का यह फैसला प्रस्तावित चुनाव से करीब डेढ़ वर्ष पहले लिया गया है। श्रीलंका में सत्ता को लेकर पिछले दो सप्ताह से जारी संघर्ष के बाद राष्ट्रपति द्वारा संसद को भंग करने का फैसला लिया गया है। इससे पहले 26 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम में श्री सिरीसेना ने श्री विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर श्री राजपक्षे को प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी थी जिसके बाद से ही श्रीलंका में राजनीतिक संकट गहरा गया था। इसके बाद राष्ट्रपति ने संसद सत्र को 16 नवंबर तक नहीं बुलाये जाने का आदेश जारी किया।श्री विक्रमसिंघे ने अपना बहुमत साबित करने के लिए संसद का आपातकालीन सत्र बुलाये जाने की मांग की थी जिसके कुछ घंटे बाद ही राष्ट्रपति सिरीसेना ने एक आदेश जारी कर 225 सदस्यों वाली संसद के सत्र को 16 नवंबर तक स्थगित कर दिया था। इसके बाद श्री सिरीसेना 14 नवंबर को संसद का सत्र बुलाए जाने पर सहमत हुए थे लेकिन अब संसद भंग करने के साथ ही यह उम्मीद भी खत्म हो गयी है। श्री विक्रमसिंघे का कहना है कि संसद में उनके पास बहुमत है और उन्हें पद से हटाया जाना असंवैधानिक है।गौरतलब है कि वर्ष 2015 में श्री विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी के समर्थन के बाद ही सिरीसेना श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने गये थे। रवि, यामिनीवार्ता