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दुनिया


खाड़ी देशों से दूर रहे विदेशी सेना : रुहानी

तेहरान, 22 सितंबर (वार्ता) ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिकी सेना को सऊदी अरब में भेजने पर प्रतिक्रिया करते हुए तल्ख अंदाज में कहा है कि विदेशी सेना खाड़ी की सुरक्षा के लिए खतरा है और इन्हें बाहर ही रहना चाहिए।
बीबीसी न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक श्री रुहानी ने कहा कि विदेशी सेना अपने साथ हमेशा दुख और पीड़ा लाती है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने सऊदी अरब में दो पेट्रोलियम रिफाइनरी में ड्रोन हमले के बाद वहां अपनी सेना भेजने का फैसला लिया था। दोनों ही देश इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेवार मान रहे हैं।
श्री रुहानी ने कहा कि ईरान आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र में खाड़ी देशों के लिए नई शांति पहल का प्रस्ताव रखेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु समझौता तोड़ने के बाद से अमेरिका और ईरान के रिश्तों में कड़वाहट आ गयी है। गौरतलब है कि 14 सितंबर को सऊदी की दो पेट्रोलियम रिफाइनरी में हुए ड्रोन हमले की जिम्मेदारी यमन के हौसी विद्रोहियों ने ली थी लेकिन सऊदी और अमेरिका इसके लिए ईरान को दोषी बता रहे हैं। ईरान ने हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है।
ईरान-इराक के बीच 1980-1988 के दौरान हुए युद्ध की वर्षगांठ के मौके पर श्री रुहानी ने कहा, “विदेशी सेना हमारे क्षेत्र में सिर्फ परेशानी पैदा करेंगी और यह हमारे लोगों के लिए असुरक्षा का वातावरण तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इस क्षेत्र में विदेशी सेना की तैनाती की गई थी और उन्हें हमारे क्षेत्र से दूर रहना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका गंभीर हैं तो उन्हें हमारे क्षेत्र में अपनी सेना नहीं भेजनी चाहिए। वे जितना हमारे देश और क्षेत्र से दूर रहेंगे यहां उतनी ही अधिक सुरक्षा होगी। शांति समझौते पर उन्होंने कहा कि वह इस बारे में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में प्रस्ताव देंगे। राष्ट्रपति ने हालांकि इस बारे में ज्यादा कुछ कहने से इंकार किया। लेकिन उन्होंने कहा कि होर्मुज की खाड़ी में विभिन्न देशों के सहयोग से शांति स्थापित की गयी है।
श्री रुहानी ने कहा कि ईरान पड़ोसी देशों द्वारा अतीत में की गई गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ने के लिए हमेशा तैयार है। हम इस ऐतिहासिक मौके पर अपने पड़ोसी देशों के लिए यह घोषणा करते हैं कि हम उनसे मित्रता के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाते हैं।
यमन के हौसी विद्रोहियों ने भी शांति की पहल करते हुए कहा कि वे सऊदी में किसी तरह के हमले नहीं करेंगे। यमन के संयुक्त राष्ट्र में विशेष दूत मार्टिन ग्रिफिथ ने बयान जारी कर कहा कि इस अवसर का लाभ उठाकर हिंसा को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
शोभित जितेन्द्र
वार्ता
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