लंदन,29 मार्च (रायटर) ब्रिटने की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के ब्रेक्सिट पत्र पर आज हस्ताक्षर करने के साथ ही यूरोपीय संघ से अलग हाेने की औपचारिक शुरुआत हो गयी। ब्रिटेन ने नौ माह पहले यूराेपीय संघ से अलग होने के लिये कराये गये जनमत संग्रह में वहां के नागरिकों ने संघ से अलग हाेने का फैसला किया था। सुश्री मे यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए उसके ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय को नोटिस भेजेंगी। ब्रिटेन 1973 में संघ से जुड़ा था। जनमत संग्रह के बाद हुये राजनीतिक उठापठक के बीच सुश्री मे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनी थी और उनके पास अब इसे लागू करने के लिये मार्च 2019 तक का समय है। आगे की प्रकिया के तहत इस संबंध में लिस्बन संधि के अनुच्छेद 50 को लागू करना होगा जिसके बाद दोनों पक्षों को दो साल के भीतर अलग होने की शर्तों पर सहमत होना होगा। अनुच्छेद 50 यूरोपीय संघ से अलग होने वाले देशों के लिये बनायी गयी योजना है जो लिस्बन संधि का हिस्सा है। इसे सितंबर 2009 में लागू किया गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक वक्तव्य के अनुसार,प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि यूरोपीय संघ से अलग होने का निर्णय ले लिया गया है। यह एक साथ होने का समय है। उन्होंने कहा,“जब कुछ माह पहले इस मुद्दे पर मैं बैठक कर रही थी, मैं ब्रिटेन के प्रत्येक नागरिक जवान, बूढ़े, अमीर, गरीब, गांवों का प्रतिनिधित्व कर रही थी। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में 23 जून 2016 को इस सवाल पर जनमत संग्रह करवाया गया था जिसमें यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला लिया गया जिसमें 51.9 प्रतिशत मतदाताओं ने संघ से अलग होने के पक्ष में मत डाला जबकि 48.1 प्रतिशत लोगों ने इसका विरोध किया था। यूरोपीय संघ 28 देशों का संघ है जिसका निर्माण 1957 में आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया था। यूरोपीय संघ की अपनी मुद्रा यूरो है जिसका केवल 19 देश इस्तेमाल करते हैं लेकिन ब्रिटेन ने इस मुद्रा को नहीं अपनाया और पाउंड को ही अपनी मुद्रा के रूप मे जारी रखा था। राहुल आजाद रायटर