कानपुर, 12 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश में कानपुर के जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने जैव चिकित्सा अपशिष्ट (बायोमेडिकल वेस्ट) के निस्तारण को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के नियम कायदों का सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश दिये है।
श्री पन्त ने शुक्रवार को जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति के सदस्यों के साथ बैठक में कहा कि अस्पताल,नर्सिंग होम में बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण अलग अलग श्रेणियों में एनजीटी के नियमों के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिये। बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिये जिले में दो इकाइयां लगी है जिनमे से एक बिठूर में है जिसमें 576 नर्सिंग होम पंजीकृत है जबकि दूसरी भौंती में है जिसमें कानपुर मण्डल के 1406 नर्सिंग होम और अस्पताल का बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारित किया जाता है।
जिलाधिकारी ने दोनों इकाइयों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मांगी है। उन्होने दोनों सर्विस मेडिकल वेस्ट प्रोवाइडर के प्रतिनिधियो को निर्देश देते हुए कहा कि बायोमेडिकल मेडिकल वेस्ट अलग अलग ही नर्सिंग होमो से लिया जाये, इस बात का विशेष ध्यान रहे कि यदि एक ही नर्सिंग होम से बार बार मिक्स मेडिकल वेस्ट मिलता है तो एनजीटी के नियमानुसार चेतावनी देते हुए कार्यवाही की जानी चाहिये।
श्री पंत ने दोनों मेडिकल वेस्ट सर्विस प्रोवाइडर के प्लान्ट की जांच कराने के लिये तीन सदस्यीय टीम गठित की जिसमें अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व ,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा सीएमओ शामिल है। टीम मेडिकल वेस्ट के प्लान्ट में मेडिकल वेस्ट के आने का समय तथा निस्तारण कितने समय मे हुआ की जांच करेगी।
उन्होने कहा कि जो नर्सिंग होम बायोमेडिकल वेस्ट का समुचित निस्तारण नही कर रहे है उनको नोटिस देते हुए एनजीटी के नियमानुसार 50 हजार रुपये का प्रतिदिन तक का जुर्माना किए जाने का प्रवधान है यदि जो नियम का उल्लंघन करे उससे जुर्माना वसूला जाये।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ,उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ,अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व ,अध्यक्ष इण्डियन मेडिकल एसोसियेशन ,डा.बबिता तिवारी ,डॉ कृष्ण दीक्षित पर्यावरण सुरक्षा संस्थान , डॉ.एस.के.सरावगी,अध्यक्ष कानपुर नर्सिंगहोम एसो. के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सं प्रदीप
वार्ता