कोलकाता, 13 नवंबर (वार्ता) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश भर में व्यापक और समन्वित तलाशी अभियान चलाकर कथित तौर पर बंगलादेशी नागरिकों द्वारा अल-कायदा के साजिश के तहत देश को अस्थिर करने के प्रयासों से जुड़े दस्तावेज़ जब्त किए गए हैं।
यह कार्रवाई अल-कायदा की आतंकवादी गतिविधियों को रोकने और देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए की गई है।
एनआईए ने एक बयान में कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अल-कायदा की गतिविधियों को समर्थन और वित्त पोषण करने के संदिग्ध व्यक्तियों से जुड़े नौ स्थानों पर सोमवार तड़के जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम में कार्रवाई शुरू हुई।
तलाशी में विस्तृत बैंकिंग लेनदेन, मोबाइल फोन सहित डिजिटल उपकरणों और आतंकी फंडिंग गतिविधियों से जुडे होने के अन्य सबूत दिखाने वाले आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए।
एनआईए की जांच के अनुसार, जिन संदिग्धों के परिसरों पर छापे मारे गए वे बंगलादेश स्थित अल-कायदा नेटवर्क के समर्थक हैं। यह तलाशी अभियान 2023 के एक मामले में एनआईए की चल रही जांच का हिस्सा थी। गिरफ्तार व्यक्तियों के सहयोग से बंगलादेश स्थित अल-कायदा के गुर्गों द्वारा साजिश रची गई।
एनआईए के बयान में कहा गया है, “साजिश का उद्देश्य अल-कायदा की आतंकवादी गतिविधियों का प्रचार करना और भारत में भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाना है।”
एनआईए ने नवंबर, 2023 में चार बंगलादेशी नागरिकों सहित पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। उनकी पहचान मोहम्मद सोजिबमियान, मुन्ना खालिद अंसारी या मुन्ना खान, अजारुल इस्लाम जहांगीर या आकाश खान और अब्दुल लतीफ मोमिनुल अंसारी के रूप में की गई थी।पांचवां आरोपी फरीद एक भारतीय नागरिक है।
एआईए ने कहा कि उनके इतिहास की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने अपनी गतिविधियों को गुप्त रूप से अंजाम देने के लिए जाली दस्तावेज खरीदे थे। वे भारत में कमजोर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और प्रेरित करने, अल-कायदा की हिंसक विचारधारा को फैलाने, धन इकट्ठा करने और इन फंडों को अल-कायदा को हस्तांतरित करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
सैनी,आशा
वार्ता