<p>सुपौल, 13 दिसम्बर (वार्ता) बिहार में सुपौल जिले की एक सत्र अदालत ने करीब 17 वर्ष पुराने हत्या के मामले में आज नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।<br /> अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रवि रंजन मिश्र की अदालत ने यहां मामले में सुनवाई के बाद जिले के कुनौली थाना क्षेत्र के डगमारा निवासी रामनारायण कामत की हत्या के आरोप में गांव के ही जीवछ कामत, सुरेश कामत, राम कुमार कामत, जोगी यादव, राज कुमार कामत, महेंद्र यादव, नुनुलाल कामत, देबू यादव तथा इंद्रदेव कामत को भारतीय दंड विधान (भादवि) की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास तथा सभी को 25 -25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं, भादवि की धारा 147 के तहत 2 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 148 के तहत तीन वर्ष साधारण कारावास और धारा 323 के तहत एक वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है। सुनाए गए फैसले में अदालत ने कहा है कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर सभी को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। <br /> मामले के अनुसार, 22 मई 2002 को कुनौली थाना क्षेत्र के डगमारा निवासी दुर्गा कामत अपने गांव से पूरब कोसी धार के पास से वापस लौट रहे थे तभी डंडे से लैस दोषियों ने उन्हें बीच रास्ते में घेर लिया और उनके साथ मारपीट करने लगे। इसी दौरान दुर्गा का भाई राम नारायण कामत जब उन्हें बचाने आया तो सभी रामनारायण पर टूट पड़े और उसकी जमकर पिटाई कर दी। पिटाई के कारण रामनारायण लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ा। रामनारायण को मृत समझकर सभी मौके पर से फरार हो गये। बाद में ग्रामीणों के सहयोग से घायल को कुनौली अस्पताल लाया गया जहां से चिकित्सकों ने उन्हें दरभंगा रेफर कर दिया। दरभंगा अस्पताल में दो दिनों बाद राम नारायण की मौत हो गई। <br /> मामले को लेकर मृतक के भाई दुर्गा कामत ने बयान पर कुनौली थाना कांड संख्या 08/2002 दर्ज की गई थी। इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक ललन प्रसाद सिंह तथा बचाव पक्ष की ओर से विनोद कांत झा ने बहस में हिस्सा लिया।<br /> सं.सतीश<br /> वार्ता</p>