राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Nov 16 2020 9:30PM अपनी शर्तों पर राजनीति करने वाले नीतीश सातवीं बार बने बिहार के मुख्यमंत्री
पटना 16 नवम्बर (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री पद की सातवीं बार जिम्मेवारी संभालने वाले श्री नीतीश कुमार ने अपने संघर्षपूर्ण जीवन में अब तक अपनी शर्तों पर ही राजनीति की है, लेकिन उनके लिए इस बार नए तेवर वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार चलाने की चुनौती एक कड़ा इम्तिहान होगा।
बिहार में पटना जिले के बख्तियारपुर में एक मार्च 1951 को एक साधारण परिवार में जन्मे श्री कुमार के पिता स्व. कविराज राम लखन सिंह स्वतंत्रता सेनानी और वैद्य थे । श्री कुमार बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज पटना (अब एनआईआईटी) में पढ़ायी के दौरान ही लोक नायक जयप्रकाश नारायण से प्रभावित होकर वर्ष 1974 के छात्र आंदोलन में कूद पड़े थे। पढ़ायी पूरी करने के बाद जब वर्ष 1977 का चुनाव हुआ तब वह जनता पार्टी के टिकट पर नालंदा जिले के हरनौत विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा । इसके बाद 1980 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा तब उनके परिवार वालों ने उन पर राजनीति छोड़कर नौकरी के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया लेकिन श्री कुमार नहीं माने और राजनीति में डटे रहे ।
इसके बाद श्री कुमार को पहली बार 1985 के विधानसभा चुनाव में हरनौत से ही सफलता मिली और उसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में वह बाढ़ संसदीय क्षेत्र से चुनकर लोकसभा पहुंचे । श्री कुमार 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री बने । वर्ष 1991 के मध्यावधि चुनाव में वह फिर से लोकसभा के सदस्य चुने गये।
शिवा सूरज
जारी वार्ता