राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 3 2019 9:10PM डा कफील को क्लीन चिट नहीं : दुबे
लखनऊ 03 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर स्थित बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के निलंबित डाक्टर कफील खान और दो अन्य के बारे में साफ किया है कि वर्ष 2017 में दिमागी बुखार के बच्चों की मौत के मामले में उन्हे क्लीन चिट नहीं दी गयी है और आरोपी डाक्टर इस मामले में भ्रम फैला रहे हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रजनीश दुबे ने गुरूवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दो साल पहले बीआरडी मेडिकल कालेज अस्पताल में बाल रोग विभाग के डा कफील खान के अलावा राजीव मिश्रा, सतीश कुमार को निलंबित कर जांच के आदेश दिये गये थे। इन तीनो पर लगे सभी आरोपो पर सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है और न ही उन्हे क्लीन चिट दी गयी है।
उन्होने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों के जरिये डा खान खुद को दोष मुक्त बताकर भ्रम के हालात पैदा कर रहे हैं। डा खान पर भ्रष्टाचार,अनुशासनहीनता, प्राइवेट प्रैक्टिस के भी आरोप लगे थे। उन्होंने कहा कि आरोपी डॉक्टर कफ़ील जांच आख्या को गलत रूप में प्रचारित रहे है। उनके खिलाफ शासन स्तर पर जांच जारी है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि डॉ खान के खिलाफ चार में से दो आरोप पूरी तरह सही पाए गए हैं जबकि दो आरोपों की जांच जारी हैं। उनके खिलाफ निजी अस्पताल में कार्य करने की शिकायत सही पाई गई है। चिकित्सक के खिलाफ दो मामलों में लगे सात आरोपों में विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि डा कफील खान को लेकर आयी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उनके खिलाफ बैठायी गयी जांच रिपोर्ट आ गयी है और उन्हे आरोपों से बरी कर दिया गया है।
प्रदीप
वार्ता