भोगपुर (जालंधर) 15 सितंबर (वार्ता) पंजाब के सहकारी मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शनिवार को स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य की कोई भी सहकारी चीनी मिल बंद नहीं की जायेगी और उनका पुनरुत्थान करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएंगे।
श्री रंधावा ने कहा कि कृषि संकट का सामना कर रहे किसानों को राहत देने के लिए सहकारी विभाग को मजबूत करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए ऑनलाइन प्रणाली की सुविधा शुरू की जाएगी जिसके तहत गन्ना किसानों को ई-स्लिप्स जारी किए जाएंगे।
गन्ना उत्पादकों को राहत पहुंचाते हुए सहकारी मंत्री ने शनिवार को अधिकारियों से 62 वर्ष पुरानी भोगपुर सहकारी चीनी मिल के विस्तार कार्य को अगले वर्ष फरवरी तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रति दिन 1016 टन गन्ना क्रशिंग (टीसीडी) की क्षमता वाली इस मिल के विस्तार के लिए चल रहे कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 108 करोड़ रुपये खर्च कर रही है जो इस संयंत्र की क्षमता 3000 टीसीडी तक बढ़ाएगी और यह भी कहा कि यह संयंत्र 2019-20 के क्रशिंग सीजन तक तैयार हो जाएगा। मिल के विस्तार और आधुनिकीकरण के साथ एक सह उत्पादन संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा जो 15 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगा, जिसमें से 8.54 मेगावॉट पीएसपीसीएल को निर्यात किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मिल बिजली उत्पादन करके हर क्रशिंग सीजन में 25 करोड़ रुपये का राजस्व कमाएगी। उन्होंने कहा कि मिल गन्ना किसानों की आवश्यकता को पूरा करती है जो इस क्षेत्र के 12772 हेक्टेयर भूमि में गन्ना का उत्पादन करते हैं। श्री रंधवा ने कहा कि मिल 109 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है, जिसमें से 25 एकड़ जमीन पर विस्तार कार्य चल रहा है।
मंत्री ने कहा कि इस मिल के विस्तार का काम करने वाली एजेंसी एक वर्ष तक ऑपरेशन और रखरखाव की देखरेख करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले वर्ष फरवरी तक इस पुनर्निर्मित संयंत्र को चालू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मंत्री श्री मोहिंदर सिंह केपी, विशेष सचिव सहकारी श्री संजय पोप्ली, संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी समिति श्री भूपिंदर सिंह वालिया, उप निबंधक श्री सुखा सिंह और अन्य उपस्थित थे।
ठाकुर, उप्रेती
वार्ता