नयी दिल्ली, 05 जुलाई (वार्ता) आम लोगों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि इस बजट से न तो महंगाई से निजात नहीं मिलेगी और न ही आयकर में किसी किस्म की छूट मिली है लेकिन करों में रियायत से उपभोक्ता वस्तुएं कुछ सस्ती होंगी जिससे थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।
ऑल इंडिया सर्राफा बाजार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एस के जैन, पत्रकार प्रीति कनौजिया, छात्रा एवं पार्ट टाइम नौकरीपेशा शिवानी, गृहिणी रजनी देवी, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक सुधांशु कुमार और लेखिका अनुशक्ति सिंह ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ये टिप्पणियां कीं। आम लोगों ने विशेषकर महिलाओं ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये बजट का इस दृष्टि से स्वागत भी किया है कि पहली बार किसी पूर्णकालिक वित्त मंत्री ने इसे पेश किया है और महिला सशक्तीकरण की दिशा में कुछ ठोस कदम उठाये हैं लेकिन उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की है कि करों में महिलाओं को मानक छूट नहीं मिली है। इतना ही नहीं, निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को आयकर में भी कोई रियायत नहीं दी गयी है।
श्री जैन ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट से निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें आम आदमी के लिए सभी चीजें महंगी कर दी गयी हैं। सोने पर सीमा शुल्क बढ़ाये जाने से आम लोगों के लिए जहां सोना खरीदना महंगा हो जायेगा वहीं सोने की तस्करी भी बढ़ेगी।
पत्रकार प्रीति एक तरफ तो देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री के बजट पेश करने को लेकर उत्साहित नजर आती हैं, वहीं दूसरी ओर आयकर में किसी तरह की छूट नहीं मिलने से निराश भी हुईं। उन्होंने कहा कि श्रीमती सीतारमण को बजट पेश करते हुए देखना बहुत अच्छा लगा। वह जिस मजबूत तरीके से अपनी बात रख रही थी, वह काबिले तरीफ है। उन्होंने हालांकि आयकर में छूट नहीं मिलने पर निराशा जताते हुए कहा कि वेतनभोगी वर्ग को तो कोई फायदा नहीं हुआ। मध्यम वर्ग पहले से ही परेशान है, इस बजट से भी उन्हें कोई लाभ नहीं मिला।
दिल्ली विश्वविद्यालय में तृतीय वर्ष की छात्रा और पार्ट टाइम नौकरीपेशा शिवानी ने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की कीमत कम होने पर खुशी जतायी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को हो रहे नुकसान और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से जेब पर पड़ने वाले बोझ को देखते हुए सरकार ने यह बहुत सराहनीय कदम उठाया है। इससे बड़ी संख्या में लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में रुचि लेंगे जिससे वायु प्रदूषण कम होगा।
श्री कुमार ने कहा कि बजट में राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान बनाने और विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान बनाने की बात तो कही गयी है लेकिन सालों से ठेके पर और एड हॉक शिक्षकों की स्थायी करने के बारे में कोई बात नहीं कही गयी है। यह पूरी सरकार शिक्षा को निजीकरण के रास्ते पर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि यह बजट शहरी लोगों को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया और न ही मध्य वर्ग की इसमें कोई चिंता की गयी है। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
गृहिणी रजनी ने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़ाने की तैयारी में है। इससे सभी चीजों की महंगाई बढ़ जायेगी। उन्होंने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर से लेकर अनाज, दालें, दूध, फलों-सब्जियों आदि सब चीजें ही महंगी हो जायेंगी। घर खर्च चलाना दिनोदिन और मुश्किल होता जायेगा। उन्होंने सोने पर सीमा शुल्क बढ़ाने के फैसले पर भी नाराजगी जतायी। दो बेटियों की मां रजनी कहती हैं कि सोना चाहे जितना महंगा हो जाये, बेटियों की शादी में तो खरीदना ही पड़ेगा। सरकार के इस कदम से लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
लेखिका अनुशक्ति सिंह ने बजट में 45 लाख रुपये तक का मकान खरीदने वालों को आवास ऋण के ब्याज पर आयकर में दी जाने वाली छूट की सीमा बढ़ाये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अगले साल 31 मार्च तक मकान खरीदने वालों को 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आयकर छूट की घोषणा की गयी है जिससे लोगों को फायदा होगा। उन्होंने श्रीमती सीतारमण के बजट भाषण के दौरान सुनाये गये शेर की तारीफ करते हुए कहा कि वह देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री के तौर पर दिये गये उनके भाषण से काफी प्रभावित हुईं।
यामिनी.श्रवण
वार्ता