चेन्नई, 11 अगस्त (वार्ता) उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि किसी भी व्यक्ति पर कोई भी भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए और न ही किसी भी भाषा का विरोध होना चाहिए।
श्री नायडू के उप राष्ट्रपति पद पर दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर लिखी गयी एक पुस्तक का विमोचन रविवार को यहां गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस मौके पर श्री नायडू ने कहा कि सभी अपनी मातृभाषा को अहमियत देते हैं जबकि लोगों में अन्य भाषाओं को सीखने की ललक भी होती है।
उन्होंने कहा “ पहले सिर्फ सीखें उसके बाद कमाएं। जब आप कमाने लगें तो भी सीखना बंद नहीं करें।“ उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह राजनीति छोड़ चुके हैं लेकिन अभी भी सार्वजनिक जीवन में हैं।
श्री नायडू ने कहा कि आपके पास दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता होनी चाहिए। जीवन में सफल होने के लिए जमीनी स्तर पर रिश्ते, धैर्य और अन्य लोगों के जीवन में बदलाव लाने का उत्साह काफी जरुरी है।
उन्होंने कहा कि उन्हें तमिलनाडु से विशेष लगाव है। श्री नायडू ने कहा, “तमिलनाडु भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। यह राज्य सांस्कृतिक विकास में अव्वल है। मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं है कि मैं चाहता था कि यह कार्यक्रम चेन्नई में आयोजित किया जाए। मैं सिर्फ दिल्ली का ही नहीं बल्कि पूरे देश का उपराष्ट्रपति हूं। देश में उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम सभी राज्य आते हैं।”