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नबन्ना या राजभवन नहीं बल्कि बैठक का और ठिकाना तय करे ममता- हड़ताली डाक्टर

नबन्ना या राजभवन नहीं बल्कि बैठक का और ठिकाना तय करे ममता- हड़ताली डाक्टर

कोलकाता, 16 जून(वार्ता) पश्चिम बंगाल में अपने एक साथी चिकित्सक के साथ हुई मारपीट के बाद पिछले छह दिनों से हड़ताल कर रहे जूनियर डाक्टरों ने कहा है कि जहां मुख्यमंत्री तय करेंगी वे उनसे उसी स्थान पर बातचीत करने को तैयार हैं।

हालांकि उन्होंने राजभवन या राज्य सचिवालय में बातचीत करने से इनकार कर दिया है जो चिकित्सकों के अड़ियल रवैये को दिखाता है।

आज सुबह पांच घंटे तक चली जनरल बाडी मीटिंग के बाद जूनियर चिकित्सकों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से कैमरा सुपरविजन में होने वाली बैठक के पक्ष में हैं और कोई भी बातचीत बंद कमरे में नहीं की जाएगी। इन चिकित्सकों का कहना था “ हम सुश्री बनर्जी से कहीं भी मिलने को तैयार हैं लेकिन नबन्ना या राजभवन में नहीं और यह मुलाकात कैमरे के सामने होगी। ”

इससे पहले हड़ताली चिकित्सकों ने शनिवार को नबन्ना में बातचीत के मुख्यमंत्री की ताजी पेशकश को ठुकरा दिया था और उनका कहना था कि सुश्री बनर्जी को एनआरएस में आकर ही बातचीत करनी चाहिए।

पश्चिम बंगाल में एनआरएस अस्पताल में एक डाक्टर की पिटाई के बाद विरोध स्वरूप हड़ताल पर गए जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के छठे दिन मरीजों का हाल बेहाल है ।

इन चिकित्सकों की अमानवीयता का एक पहलू यह भी देखने में सामने आया है कि मिदनापुर में हड़ताल की वजह से उपयुक्त उपचार नहीं मिल पाने के कारण एक नवजात शिशु की मौत हो गयी है। उसके माता-पिता ने बच्चे का शव लेकर इन चिकित्सकों के सामने प्रदर्शन किया लेकिन शायद इसका भी कोई असर इन चिकित्सकों पर नहीं पड़ा है।

सबसे दुखद बात यह है कि राजधानी दिल्ली के एम्स और सफदरजंग तथा अन्य अस्पतालों के चिकित्सक इन हड़ताली चिकित्सकों के प्रति एकजुटता दिखा रहे हैं। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बार-बार जूनियर डाक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह करते हुए कहा था कि उनकी अधिकतर मांगे मान ली गयी हैं।

सुश्री बनर्जी ने शनिवार को कहा था कि उनकी सरकार हड़ताली चिकित्सकों पर एस्मा नहीं लगाएगी और उनकी अधिकतम मांगें मान ली गयी हैं, इसलिए उन्हें काम पर लौट आना चाहिए।

सुश्री बनर्जी ने यहां नबन्ना में मुख्य सचिव मलय डे की उपस्थिति में पत्रकारों से कहा,“मैं राज्य में हड़ताली चिकित्सकों पर एस्मा नहीं लगाना चाहती हं और जूनियर डाक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह है क्योंकि उनकी अधिकतर मांगें मान ली गई हैं।”

मुख्यमंत्री का पहली बार आंदोलनरत प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से जब आमना सामना हुआ और उन्होंने सुश्री बनर्जी को देखकर चिल्लाना शुरू कर दिया था“ हमें न्याय चाहिए, हमें न्याय चाहिए, शर्म, शर्म।”

 

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