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जिला पंचायत का चुनाव लड़ने वालों को उत्तराखंड उच्च न्यायालय से राहत नहीं

जिला पंचायत का चुनाव लड़ने वालों को उत्तराखंड उच्च न्यायालय से राहत नहीं

नैनीताल, 25 सितम्बर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को राहत नहीं देते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बुधवार को मोहन सिंह मेहरा तथा अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से पंचायत राज अधिनियम, 2016 में संशोधन कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में दो बच्चों से अधिक वालों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार ने विगत 25 जुलाई, 2019 को इस आशय की अधिसूचना जारी कर दो बच्चों से अधिक संख्या वालों को चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिनियम के सेक्शन 53(1)आर व सेक्शन 90(1)आर को चुनौती दी गयी है। जिसके तहत क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के पदों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए अधिकतम दो बच्चों की शर्त रखी गयी। संशोधन के अनुसार जिन प्रत्याशियों के दो से अधिक बच्चे हैं वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

याचिकाकर्ताओं की ओर से आगे कहा गया है कि सरकार ने ग्राम प्रधान के पद का चुनाव लड़ने के लिये भी अधिकतम दो बच्चों की शर्त रखी थी लेकिन उच्च न्यायालय ने विगत 19 सितम्बर को अपने फैसले मेें इसे पलट दिया है और कहा है कि 25 जुलाई 2019 के बाद जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे वे ही चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

याचिकाकर्ताओं की ओर से क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के पदों पर भी तत्काल राहत देने की मांग की गयी लेकिन न्यायालय ने तुरंत राहत नहीं दी है। न्यायालय ने कहा है कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गयी है हालांकि मामले को सुनवाई के लिये स्वीकार कर लिया है और सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिये है। इन पदों पर चुनाव लड़ने को लेकर हजारों लोगों ने नामांकन पत्र भरे है। मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि थी।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड की सात हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। त्रिस्तरीय पंचाचत चुनावों के लिये विगत 13 सितम्बर को अधिसूचना जारी कर दी गयी थी। हरिद्वार जनपद को छोड़कर शेष 12 जिलों में 6, 11 और 16 अक्टूबर को तीन चरणों में मतदान होना है। मतगणना 21 अक्टूबर को होगी।

सं राम

वार्ता

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