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बुंदेलखंड में पानी की नहीं, पानी के प्रबंधन की कमी: सिद्धार्थ सिंह

बुंदेलखंड में पानी की नहीं, पानी के प्रबंधन की कमी: सिद्धार्थ सिंह

झांसी, 27 फरवरी(वार्ता) उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ,सूक्ष्य लघु एवं मध्यम उद्योग सिद्वार्थ नाथ सिंह ने बुंदेलखंड क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना कर यहां के किसानों के जीवन स्तर में सुधार की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पानी की कमी नहीं अगर कुछ कमी है तो पानी के प्रबंधन की है।

यहां पं. दीनदयाल उपाध्याय सभागार में शनिवार को कैबिनेट मंत्री ने जनपद में एग्रो बेस्ड प्रोडक्टस पर आधारित उद्योगों की स्थापना को जिला प्रशासन, बुन्देलखंड चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इन्डस्ट्री तथा महारानी लक्ष्मीबाई कृषि विश्वविद्यालय झांसी के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय सेमीनार में मुख्य अतिथि के रुप में वर्चुअल सम्बोधित करते हुए कहा कि यह सेमीनार बुन्देलखंड की धरा को हरा-भरा व उत्पादन बढ़ाने के साथ किसानों की आय बढ़ाने में अनूठी पहल के रुप में सिद्ध होगा। यहां पर पैदा होने वाली कृषि उपजों को गुणवत्तापरक बनाने व उन पर आधारित उद्योगों की स्थापना से ही किसानों के जीवन स्तर को सुधारा जा सकेगा। बुन्देलखंड में पानी की कमी नहीं है कमी है तो बस सही मैनेजमेन्ट की। इसका सदुपयोग करते हुए ड्रिप इरीगेशन से किसान अपना उत्पादन बढ़ाएं। फ्लैटिड फैक्ट्ररी को क्षेत्र में प्रोत्साहित करें ताकि विकास को गति मिले।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बुन्देलखंड में कोई उद्यमी आता नही था। पानी की कमी के कारण उद्योग कैसे लगेंगे, लेकिन ऐसा नही है, इस क्षेत्र में पर्याप्त पानी है। बस सही मैनेजमेन्ट की जरुरत है ताकि जितना पानी है उसका सही इस्तेमाल करते हुये उपज में बढ़ोत्तरी लायें। उन्होने झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती पर बधाई देते हुये कहा कि जज्बा और मेहनत से कोई भी कार्य किया जा सकता है।इस क्षेत्र में इजराइल की तरह ड्रिप इरीगेशन से खेती करने पर जोर देते हुये कहा कि ऐसा करने से लाभ में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होने फ्लैटिड फैक्ट्ररी पर फोकस करने की बात करते हुये बताया कि ओडीओपी के अन्तर्गत जो जनपद के उत्पाद हैं उन्हें प्रोत्साहित किया जाये ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सके।

स्वास्थ्य के मद्देनजर ऐसे उत्पाद करें जो शरीर को स्वस्थ व रोगरहित बनाये। झांसी में रसायनयुक्त खेती नही होने से यहां पर बाजरा, कठिया गेहूं सहित अन्य उत्पाद की मांग अधिक है, यदि इन्हें प्रोसेसिंग करते हुये बाजार उपलब्ध कराया जाये तो किसान को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होने ओडीओपी में सिद्वार्थनगर के काला नमक, चावल की जानकारी देते हुये बताया कि आज यह उत्पाद निर्यात हो रहा है। सेमीनार में शामिल उद्यमियों व किसानों को सम्बोधित करते हुये कहा कि एमएसएमई का लाभ लेने के लिये आगे आये, आॅनलाइन आवेदन करें ताकि विभिन्न विभागों में चक्कर न लगाने पड़े और जल्द ही योजनाओं का लाभ मिल सके। जनपद में डिफेंस काॅरीडोर में भी एमएसएमई के तहत जमीन उपलब्ध है आवेदन करते हुये योजनाओं का लाभ उठायें, इसमें 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। कोरोना काल में चारों ओर उद्योग सहित समस्त कार्य बन्द हो गये, परन्तु हमारे किसान फिर भी खेतों में काम करते रहे। उन्होने कहा कि कृषि कार्य से ही हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई और जीडीपी में सुधार आया है।

सेमीनार में डॉ़ सत्येन्द्र यादव ने कृषि उपज,चन्द्रभूषण सिंह, यूपीडा द्वारा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे एवं कमाण्डर महेन्द्र सिंह द्वारा यूपीडा द्वारा डिफेंस कॉरीडोर की जानकारी पावर प्वांइट प्रोजेन्टेशन के द्वारा दी। इस दौरान सभागार परिसर में लगभग दो दर्जन से अधिक स्टालों के माध्यम से ओडीओपी, स्वयं सहायता समूह एवं अन्य कम्पनियों द्वारा अपने-अपने उत्पादों को प्रदर्शन किया गया।

सेमीनार में विशिष्ट अतिथि सांसद झांसी-ललितपुर अनुराग शर्मा ने कहा कि जहां भी जायें वहां बुन्देलखंड में पानी की कमी की बात होती है, परन्तु यहां पानी की कोई कमी नही है, बस पानी का सही मैनेजमेंट होना जरुरी है। हमारे पास अपार सम्भावनायें है, क्षेत्र को कृषि के द्वारा विकसित करने के लिये। क्षेत्र की मूंगफली यहां से गुजरात, अलवर व महाराष्ट्र जाती और वहां से तेल फिर झांसी आता है। यदि प्रोसेसिंग यूनिट यहां लगी होती तो किसानों को लाभ होगा। उन्होने बताया कि जनपद में बैद्यनाथ का 11वां प्लांट आ रहा है। यह सब योगी जी के आने से हुआ क्योंकि यूपी का माहौल बदल गया। यहां नीति और नियत बदल गयी है। अब उद्योग लगाना आसान हो गया हैं। उद्योग लगाये जाने पर सुविधायें मिल रही हैं। उन्होने फ्लैटिड फैक्ट्ररी को प्रमोट करने की बात कहते हुये बताया कि ओडीओपी में टैडीवियर, रानीपुर टैरीकाट फैक्ट्ररी के लिये सोलर हैण्डलूम, जखौरा में मैटिल आर्टस, चन्देरी साड़ी की अधिक सम्भावनायें है। सोलरलूम में छूट का प्रावधान है।

मन की बात में पीएम द्वारा झांसी में स्ट्राॅबेरी की खेती को प्रोत्साहित किया। उन्होने कुलपति बुन्देलखंड विश्वविद्यालय एवं केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय से आग्रह करते हुये कहा कि दोनो विश्वविद्यालय क्षेत्र के विकास में भूमिका निभायें, व्यवसायीकरण करें। एग्रो इन्डस्ट्रीज के सम्बन्ध में उन्होने कहा कि यहां अदरक होता है लेकिन सोंठ नही होती, अदरक कम दामों में मिलता, जबकि सोंठ का दाम अधिक है। उन्होने बांदा-ललितपुर में रिसर्च वाले कृषि फाॅर्म बनाये जाने की जानकारी दी। सेमीनार को सम्बोधित करते हुये किसानों से कहा कि मैंथा नही लगाये इसमें पानी की अधिक जरुरत पड़ती है। उन्होने कहा कि नागर मैंथा या स्नाय का उत्पादन करें जो कम पानी में भी लग जाता है और अधिक लाभ देता हैं।

सेमीनार में महापौर रामतीर्थ सिंघल ने कहा कि 6 वर्ष पूर्व उद्यमी यूपी में उद्योग लगाने से भागते थे परन्तु 3 वर्षो में बुन्देलखंड की दिशा और दशा बदल गयी। डिफेंस काॅरीडोर धरातल पर उतर रहा है। झांसी जनपद में बाढ़ व भूकम्परोधी है, इसके साथ ही सड़क व रेल कनैक्टिविटी बहुत अच्छी है जो उद्योगों के लिये लाभकारी है। यहां सबकुछ है, यदि प्रोसेसिंग का काम शुरु हो जाये तो किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। विधायक सदर रवि शर्मा ने किसानों हेतु जनजागरण की शुरुआत के लिये बुन्देलखण्ड चैम्बर को बधाई। बुन्देलखंड अभावग्रस्त नही है, उद्यमी आगे आये तो उद्योग विकसित होंगे।

सेमीनार में मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि बुन्देलखंड में सम्भावनाओं की कमी नही है, यदि उत्पाद में कुछ बदलाव करते है तो क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार नजर आयेंगे। ललितपुर में दाल मिल जो उड़द दाल की प्रोसेसिंग करती है और वह दाल दक्षिण भारत तक जाती है इसी प्रकार अदरक, नीबू, आंवला की प्रोसेसिंग से भी किसान लाभ उठायें। उन्होने किसानों को विविधीकरण की ओर जाने को भी कहा। उन्होने कहा कि एग्रोबेस उद्योग खत्म नही होगा। मण्डलायुक्त ने झांसी में ड्रेगनफ्रूट की भी जानकारी देते हुये कहा कि स्ट्राॅबेरी के साथ ड्रेगनफ्रूट की भी अपार सम्भावनायें है।

कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि कृषि आधारित प्रोसेसिंग उद्योग की स्थापना से किसान को सीधा लाभ होगा, यहां का उत्पादन एकदम शुद्व है रसायनमुक्त खेती होती है। किसान की आय दोगुनी हो तो जरुरी है कि जो फसल पैदा हो उसकी वैल्यू एडीशन करना होगा, उसका उपभोग करें। उन्होने कहा कि आजकल लोग न्यूट्रीस का ध्यान रखते है और ऐसी चीजे पंसद करते है जो शरीर के लिये लाभकारी हो। हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिये बुन्देलखंड की कृषि पर फोकस करना होगा, यहां जैविक खेती के कारण लोगों को उत्पाद पर विश्वास बढ़ा है।

उन्होने उद्बोधन में कहा कि पांच सूत्रीय कार्यक्रम है जिससे क्षेत्र व किसान दोनों का विकास सम्भव हैं। एफपीओ का महत्वपूर्ण योगदान है इसका लाभ लें। स्वयं सहायता समूह का सहयोग लें। उद्यान फूड प्रोसेसिंग को जोड़े तथा बाजार की उपलब्धता के साथ ही ग्रामीणस्तर पर डी सेन्ट्रलाइज एडमिनिस्ट्रेशन का सहयोग तभी बुन्देलखण्ड का समुचित विकास होगा। कृषि विश्वविद्यालय पर फोकस के साथ रिसर्च भी हो, उत्पाद की मार्केटिंग भी जरुरी है। उन्होने बताया कि इजराइल से एमओयू साइन किया है जिसका लाभ बबीना के 25 गांवों को मिलेगा कार्य प्रगति पर है। बुन्देलखंड पैकेज के तृतीय संस्करण की तैयारी करने के निर्देश नीति आयोग ने दिये, जल्द ही कार्य पूर्ण किया जायेगा।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में अपर अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उ0प्र0 शासन मनोज सिंह ने अपने सम्बोधन मे कहा कि बुन्देलखंड में कृषि आधारित उद्योगों के लिये अपार सम्भावनायें है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में युवाओं के लिये बेहतरीन मौका है। बुन्देलखंड क्षेत्र को ड्रिप स्प्रिंकलर योजना का भरपूर लाभ मिलेगा। उन्होने जिलाधिकारी तथा सीडीओ से कहा कि इसके लिये लक्ष्य की कोई सीमा निर्धारित नही है इसलिये इस योजना का लाभ अधिक से अधिक कृषकों को उपलब्ध कराया जाये। उन्होने बताया कि जिलाधिकारी के अनूठें प्रयोग से स्टॅाबेरी को हिन्दुस्तान में नये प्रोड्क्स के नाम से जाना जा रहा है।

इस मौके पर विधायक सदर रवि शर्मा, विधायक बबीना राजीव सिंह पारीछा, विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत, विधायक मऊरानीपुर बिहारीलाल आर्य, जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय, उपाध्यक्ष जेडीए सर्वेश कुमार दीक्षित, कुलपति बुन्देलखण्ड विवि झांसी डॉ़ जेवी वैशम्पायन, कुलपति केन्द्रीय कृषि विवि डॉ़ अरविन्द्र कुमार, बुन्देलखण्ड चैम्बर ऑफ कामर्स के धीरज खुल्लर, वीरेश्वर शुक्ला, अमित सिंह, अतुल अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में उद्यमी, स्वयं सहायता समूह तथा कालेजों की छात्र-छात्रायें उपस्थित रहीं।

सोनिया

वार्ता

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