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परिंदा भी नजर नहीं आ रहा जयपुर में

परिंदा भी नजर नहीं आ रहा जयपुर में

जयपुर, 22 मार्च (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कर्फ्यू के आह्वान पर रविवार को राजस्थान के जयपुर में ऐसा सन्नाटा पसर गया कि परिंदा भी नजर नहीं आ रहा है।

लोगों ने स्वेच्छा से खुद को घरों में बंद कर लिया है। शहर के व्यस्ततम बाजारों में जहां बाजार खुलते ही तिल रखने को जगह नहीं मिलती थी, वहां मरघट सा सन्नाटा छाया है। कॉलोनियों में लोगों ने दरवाजों के साथ ही खिड़कियां तक बंद कर रखी हैं। घरों की बॉलकोनियां भी सूनी नजर आ रहीं हैं। गली कूचों तक में नीरवता छाई है।

अत्यावश्यक सेवाओं के तहत बाजारों में केवल मेडीकल की ही दुकानें, पैट्रोल पम्प खुले हैं, जबकि अन्य दुकानों पर ताले झूल रहे हैं। सड़कें पूरी तरह सूनी नजर आ रही हैं। सड़कों पर कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मी ही नजर आ रहे हैं। पूजा स्थल वीरान हैं।

अजमेर से प्राप्त समाचार के अनुसार अजमेर में पूरा शहर 'जनता कर्फ्यू ग्रस्त' है। शहर सहित पूरे जिले में लोग स्वेच्छा से घरों में बंद है और क़ई लोगों ने अपने घरों, मकानों के ताले भी नहीं खोले हैं। अजमेर शहर में दरगाह शरीफ से जुड़ा दरगाह बाजार व प्रमुख बाजारों में पुलिस गश्त जारी है। तारागढ़ पहाड़ी स्थित हजरत मीरां साहब की दरगाह के साथ साथ सरवाड़ कस्बे में स्थित ख्वाजा फखरुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में भी जायरीनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है जबकि यहां पच्चीस मार्च को सालाना उर्स का झंडा चढ़ना है। तीर्थराज पुष्कर में भी सरोवर एवं ब्रह्मा मंदिर के अलावा पूरे कस्बे में सन्नाटा पसरा है।

राजस्थान में अन्य जिलों में भी जनता कर्फ्यू का व्यापक असर दिख रहा है। जयपुर संभाग के अलावा जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर अजमेर संभाग में बाजार सहित आमलोग घरों में ही हैं। लोगों ने श्री मोदी के आह्वान को गंभीरता से लिया है।


झुंझुनू जिले में जनता कर्फ्यू का व्यापक असर नजर आ रहा है। जिले में सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और सभी बाजार बंद हैं। कल रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 31 मार्च तक राज्य में लाॅक डाउन की घोषणा करने के बाद जिले में पूरा जनजीवन ठहर सा गया है। पूरे जिले में सड़कों पर एक भी वाहन नजर नहीं आया। सभी दुकानें एवं बाजार पूर्णतया बंद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूरा असर नजर आ रहा है। ग्रामीण अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं।

सभी धार्मिक स्थलों को पूर्णतया बंद कर दिया गया है। पांडव कालीन तीर्थ लोहागर्ल के पवित्र कुंड में स्नान पर ग्राम पंचायत द्वारा पूर्णतया रोक लगा दी गई है। वहीं प्राचीन कालीन शक्तिपीठ शाकंभरी मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया है। अजमेर के बाद राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी दरगाह नरहड़ शरीफ में 21 मार्च से आयोजित होने वाले वार्षिक उर्स का आयोजन स्थगित कर दिया गया है। दरगाह में आने वाले जायरिनो को वापस लौटा दिया गया है। जिले के तातीजा गांव में देई माता मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं पर रोक लगा दी गई है। इसी तरह उबली बालाजी के मंदिर को भी श्रृद्धालुओं के लिये बंद कर दिया गया है।

बीकानेर संवाददाता के अनुसार जिले में जनता कर्फ्यू का व्यापक असर देख जा रहा है। लोग घरों से नहीं निकले औऱ बाजारों में सन्नाटा छाया है। कोरोना से बचाव के लिए लोग घरों से बाहर नहीं निकले और केंद्र, राजस्थान सरकार द्वारा जारी की गई एडवाजरी का लोग पालन कर रहे हैं। कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने बताया कि संदिग्ध लोगों पर नज़र रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही रेलवे स्टेशन पर सेनेटाइजर डिटोल रखने के निर्देश दिए गये हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर छिड़काव करवाया जा रहा है।

टीम सुनील

वार्ता

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