नयी दिल्ली, 12 नवम्बर (वार्ता) टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि उनके लिए अपने कार्यकाल के दौरान कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत पाने की उन्हें निराशा जरूर है लेकिन इसका उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है।
टी 20 विश्व कप शास्त्री का अंतिम कार्यकाल था जिसमें भारतीय टीम प्रबल दावेदार माने जाने के बावजूद सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी। भारत को पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड से अपने पहले दो मैच गंवाने का नुकसान उठाना पड़ा और अगले तीन मैच आसानी से जीतने के बावजूद भारतीय टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी।
शास्त्री ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में कहा ,'अपने कार्यकाल के दौरान मैंने भारतीय टीम में जो भावना भरी वह किसी खिताब को जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण थी।'
पूर्व भारतीय कोच ने कहा कि वह बिना किसी अफ़सोस के साथ भारतीय कोच पद से हट रहे हैं लेकिन साथ ही स्वीकार किया कि अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान कोई आईसीसी ट्रॉफी न जीत पाना उनके लिए एक निराशा है। हालांकि उन्होंने भारतीय टीम को अपने समय में एक ऐसी मजबूत टीम के रूप में बदला जिसने विदेशों में सीरीज जीतना सीख लिया। इस बात की शुरुआत 2017 में हुई थी। उन्होंने कहा कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उनके मार्गदर्शन में भारतीय टीम दो बार ऑस्ट्रेलिया में जीती और इंग्लैंड को उसके घर में हराया।
रवि शास्त्री और विराट कोहली का तालमेल पिछले चार साल में टीम इंडिया की बड़ी उपलब्धियों का गवाह रहा। शास्त्री के कोच पद से हटने के साथ ही विराट ने टी 20 टीम की कप्तानी भी छोड़ दी। इन दोनों के एक साथ रहते भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 2019 में पहली बार टेस्ट सीरीज जीती और इस उपलब्धि को 2021 में फिर दोहराया। भारत इस साल जून में न्यूज़ीलैंड से आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में हारा लेकिन उसने वापसी करते हुए इंग्लैंड में 2-1 से टेस्ट सीरीज जीती।
उन्होंने कहा,'कोई अफ़सोस नहीं। अगर आप मेरी पांच साल की यात्रा को देखें तो आपको ऊंचाईयां ही दिखाई देंगी। ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो सीरीज जीतना एक बड़ी उपलब्धि है। लगभग पिछले 70 साल में ऐसा कभी सोचा भी नहीं गया था। इस बात को और विशेष बनाया इंग्लैंड में 2-1 की बढ़त ने। '
शास्त्री ने कहा,'यह निराशा जरूर है लेकिन अफ़सोस नहीं। हम एक नहीं बल्कि दो टूर्नामेंट जीत सकते थे लेकिन ऐसी चीजें होती रहती हैं। सफ़ेद बॉल क्रिकेट में चीजें बहुत जल्दी बदलती हैं। यदि आप अच्छी शुरुआत नहीं करते हैं तो आप जल्दी पिछड़ जाते हैं जैसा कि इस विश्व कप में हुआ।'
उन्होंने कहा ,' मेरे लिए टीम के अंदर स्टील जैसी भावना भरना ज्यादा महत्वपूर्ण है और हमने यह किया है आप दुनिया में किसी से पूछ लीजिये कि सर्वश्रेष्ठ टीम कौन सी है तो वे यही कहेंगे भारतीय क्रिकेट टीम सभी फॉर्मेट में। '
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