खेलPosted at: Feb 1 2020 10:46PM दौड़ से बेहतर और कुछ नहीं : मिलिंद
लखनऊ, 01 फरवरी (वार्ता) सुपरमॉडल और फिटनेस प्रमोटर मिलिंद सोमन का मानना है कि चुस्त दुरूस्त रहने के लिये दौड़ लगाने से बेहतर व्यायाम और कोई नहीं हो सकता।
एचसीएल लखनऊ हाफ मैराथन के बारे में जानकारी देने यहां पहुंचे मिलिंद ने शनिवार को कहा, “फिटनेस का मूल मंत्र अच्छी दौड़ है। यह एक ऐसी विधा है जिसके लिये किसी खास उपकरण या प्रतिभा की जरूरत नहीं है। बस घर से बाहर निकलो और दौड़ लगा दो। दौड़ से अतिरिक्त चर्बी घटती है और रक्तसंचार बेहतर होने से कई बीमारियाें से बचाव होता है।”
उन्होंने कहा, “हमारे देश में क्रिकेट बेहद लोकप्रिय है जबकि फुटबाल तो दुनिया भर में पसंद किया जाता है लेकिन हम इन खेलों को खेलने के बजाय टीवी स्क्रीन पर देखना पसंद करते है लेकिन दौड़ में क्रिकेट के बल्ले अथवा फुटबाल की जरूरत नहीं पड़ती।”
फिल्मों में अभिनय और निर्माता निर्देशक के अलावा माडलिंग में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके मिलिंद केन्द्र सरकार के फिट इंडिया मूवमेंट के लिये गठित कमेटी के सदस्य हैं। 54 वर्षीय माडल ने कहा कि लोगों को फिट रहने की बात करने के बजाय इसको अमल में लाना चाहिये। अमेरिका में मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीजाें की तादाद भारत से ज्यादा है लेकिन वहां लगभग तीन करोड़ की आबादी रोज दौड़ लगाती है जिसमें महिलाओं की संख्या 60 फीसदी है।
महिलाओं को दौड़ के प्रति जागरूक करते हुये फिल्म अभिनेता ने कहा, “पुरूष खुद को फिट रखने के लिये दौड़ लगाता है या व्यायाम करता है मगर जब महिलायें दौड़ लगाती है तो एक परिवार दौड़ लगाता है क्योंकि घर में खानपान और जीवनशैली में बदलाव को महिला से बेहतर और कोई शख्स नहीं कर सकता। इसके लिये महिलाओं को बहानेबाजी और शर्म को छोड़ना होगा जिससे उनकी और परिवार की सेहत अच्छी रहेगी।”
अपनी फिटनेस से हैरान करने वाले उम्रदराज अभिनेता ने कार चलाते वीडियो पर मुस्करा कर प्रतिक्रिया दी और कहा कि कुछ नया सीखने के लिए कोई उम्र नहीं होती। ज़्यादातर लोग 18 की उम्र में कार चलाना सीखते हैं लेकिन उन्होंने 54 साल में सीखा। इसके पीछे की वजह बताते हुये उन्होने कहा कि आमतौर पर उन्होने कार की माडलिंग नहीं की लेकिन पिछले साल टाटा मोटर्स की इलेक्ट्रिक कार की माडलिंग का आफर आया लेकिन उन्होने कार चलाना सीखने की ठानी।
प्रदीप राज
वार्ता