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आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में भाजपा, कांग्रेस को नोटिस जारी

आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में भाजपा, कांग्रेस को नोटिस जारी

नैनीताल 31 मार्च (वार्ता) चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दो अलग-अलग नोटिस जारी किये हैं। दोनों को तीन दिन के अंदर अदालत में जवाब पेश करने को कहा है। इन पर धार्मिक स्थलों पर चुनावी सभा करने का आरोप है।

भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों को ये नोटिस नैनीताल-उधमसिंहनगर संसदीय सीट पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जारी किये गये हैं। सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं काशीपुर के उपजिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि उम्मीदवार धार्मिक स्थलों में चुनावी रैलियां नहीं कर सकते हैं। ये आदर्श आचार संहिता में शामिल है।

आरोप है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं नैनीताल सीट से उम्मीदवार श्री रावत ने काशीपुर तहसील के गुलडिया गांव में मजार में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। आयोग के पास विगत शनिवार को आयोजित की गयी इस चुनावी सभा की वीडियो रिकार्डिंग उपलब्ध है।

श्री खुराना ने कहा कि इसलिये उन्होंने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में श्री रावत को नोटिस जारी किया है। उन्हें तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है।

उन्होंने बताया कि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राम मेहरोत्रा को भी आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में नोटिस जारी किया गया है। आरोप है कि भाजपा नेता की ओर से ढकिया गुलाबो गांव में शिव मंदिर परिसर में एक चुनावी रैली का आयोजन किया गया। चुनावी रैली भाजपा उम्मीदवार अजय भट्ट के पक्ष में विगत 29 मार्च को आयोजित की गयी थी। उन्होंने बताया कि हालांकि श्री भट्ट इस रैली में शामिल नहीं थे। श्री खुराना ने आगे बताया कि भाजपा नेता मेहरोत्रा इस रैली के कर्ता-धर्ता थे इसलिये उन्हें नोटिस जारी किया गया है। उन्हें भी तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है।

कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव को चुनाव आचार संहिता के मामले में तीन दिन में दूसरी बार नोटिस जारी किया गया है। इससे पहले आयोग की ओर से विगत 28 मार्च को भी श्री रावत को नोटिस जारी किया गया था। आरोप था कि उन्होंने बिना आयोग की अनुमति के नैनीताल के ज्योलिकोट में एक चुनावी सभा को संबोधित किया था। हालांकि बाद श्री रावत की ओर से पेश जवाब से संतुष्टि जाहिर करते हुए आयोग ने उन्हें आचार संहिता के आरोप से बरी कर दिया था।

रवीन्द्र, उप्रेती

वार्ता

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